मेरठ पहुंचे मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने मुसलमानों को दी नसीहतें
मदरसा दारुल उलूम अरेबिक कॉलेज मेरठ में नियुक्तियों का जिन्न भी बोतल से बाहर
मेरठ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन इफ्तेखार जावेद शनिवार सुबह शाही जामा मस्जिद पहुंचे और यहां मदरसा दारुल उलूम अरेबिक कॉलेज प्रशासन से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने मुसलमानों की तालीम को लेकर कई तरह की हिदायत भी दी और आईना भी दिखाया। इसके अलावा मदरसा दारुल उलूम अरेबिक कॉलेज में नियुक्तियों का मामला भी गरमाया। इस मामले में उन्हें बाकायदा ज्ञापन सौंपा गया।
चेयरमैन ने मुसलमानो का आह्वान किया कि वह अपना रुख चिकन बिरयानी की दुकानों की तरफ कम और तालीमी इदारों (शिक्षण संस्थान) की तरफ ज्यादा करें। उन्होंने मदरसों में पढ़ने और पढ़ाने वालों का आह्वान किया कि मदरसों में तालीम की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता न किया जाए। इस दौरान शहर काजी प्रो. जैनुस साजेदीन, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रुहेल आजम, मदरसा दारुल उलूम अरेबिक कॉलेज के प्रधानाचार्य मुफ्ती रिजवान, कारी सलमान, मौलाना शम्स कादरी, मौलाना अफजाल और सरदार सरबजीत सिंह कपूर मुख्य रूप से मौजूद थे। उधर दूसरी ओर मदरसा बोर्ड चेयरमैन के दौरे के समय इसी कॉलेज में हो रही नियुक्तियों में धांधली का आरोप लगाते हुए किदवई नगर निवासी मो. आरिफ ने चेयरमैन इफ्तेखार जावेद को ज्ञापन सौंपा। मो. आरिफ का आरोप था कि मदरसा दारुल उलूम अरेबिक कॉलेज में नियुक्तियों के दौरान जमकर धांधलेबाजी की जा रही है। उन्होंने इस मामले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय पर भी कई आरोप लगाए। उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय तक से की है। बकौल आरिफ वह शीघ्र ही इस संबंध में दारुल उलूम अरेबिक कॉलेज प्रशासन से लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय के बीच सांठगांठ की गुत्थी को शीघ्र ही उजागर करेंगे। इससे पूर्व समाजसेवी सरदार सरबजीत सिंह कपूर ने चेयरमैन को 'मेरा मेरठ मेरी नौचंदी' नामक पुस्तक भेंट की।
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