नवजात को बेहतर शुरूआत देने का सबसे कारगर तरीका मॉ का स्तनपान - डा. अमित 

 ब्रेस्टफीडिंग पर नर्सो के लिए कार्यशाला का आयोजन 

 मेरठ। गढ रोड़ स्थित न्यूटिमा हास्पिटल में विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान नर्साे को जागरूक करने के लिए एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में  बच्चा रोग विशेषज्ञ डा अमित उपाध्याय ने बताया कि ब्रेस्टफीड़िग के दौरान क्या- क्या परेशानी आती है। उनका निवारण कैसे किया जाए। 



 डा. उपाध्याय ने बताया कि अपने बच्चे का  पालन पोषण ,पोषण और प्यार भरी देखभाल से बेहतर जीवन की शुरूआत देने का सबसे बेहतर तरीका  मॉ का नवजात को स्तनपान कराना है। यह बच्चे के लिए पोषण का सबसे अच्छा और सबसे सस्ता स्त्रोत है। स्तनपान मॉ व बच्चे के लिए आजीवन लाभ के साथ मस्तिष्क के विकास काे बढ़ावा देता है।यह बच्चे की वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया इस डब्लयूएचओ की थीम स्तनपान में सभी माताओं को सम्पूर्ण सहायता देना  सभी रूकावटों को दूर करें है। इसके पीछे कार्यरत माताओं को काम के साथ स्तनपान करने का प्राेत्साहन व सहयोग मिल सके। कार्यस्थल पर सहकर्मी को भी इस बात के लिये प्रोत्साहित करना है कि यदि कोई महिला कर्मी अपने बच्चे काे स्तनपान कराती है या  ब्रेस्टमिल्क एक्सप्रेस करना चाहे तो उन्हें एक सहयोगपूर्ण वातावरण प्रदान करें। उन्होंने बताया कि जैसे ही माता की त्वचा से बच्चे की त्वचा सम्पर्क करे , बच्चे के जन्म में 6 से 12 घंटे के भीतर मॉ का दूध उतर जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप मैन्युअल ब्रेस्ट पंप या हाथों द्वारा दूध् एक्सप्रेस करने की तुलना में ज्यादा प्रभावित होता है। कंगारू केयर भी मॉ के दूध उत्पादन को बढ़ाने में प्रभावी होता है। 

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