अमन सहरावत ने रचा इतिहास, पेरिस ओलंपिक में जीता ब्रॉन्ज मेडल
अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में पुअर्तो रिको के रेसलर को हराया
पेरिस,एजेंसी।पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को आखिरकार रेसलिंग का मेडल मिल ही गया। विनेश फोगाट के डिस्क्वालिफिकेशन के बाद सारी नजरें अमन सहरावत पर थीं और उन्होंने निराश नहीं किया। अपने डेब्यू ओलंपिक में ही अमन ने पुरुषों के 57 किलोग्राम भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया। अमन ने पुअर्तो रिको के रेसलर को ब्रॉन्ज मेडल मैच में एकतरफा अंदाज में 13-5 से शिकस्त देते हुए ये ब्रॉन्ज मेडल जीता और इस तरह पेरिस ओलंपिक में भारत की झोली में छठा मेडल आ गया। कुल मिलाकर इन गेम्स में भारत का 5वां ब्रॉन्ज है। इतना ही नहीं, वो ओलंपिक में इंडिविजुअल इवेंट में मेडल जीतने वाले सबसे युवा भारतीय भी बन गए।
इस मुकाबले की शुरुआत में क्रूज ने अमन को मैट से बाहर करते हुए एक पॉइंट ले लिया था। अमन ने भी पलटवार करते हुए जल्द ही लेग अटैक करते हुए उन पर दो पॉइंट हासिल कर लिए। पहले पीरियड में ऐसा ही कड़ा मुकाबला चलता रहा और क्रूज ने दोबारा 3-2 की बढ़त ली लेकिन अमन ने फिर वापसी की और 2 पॉइंट बटोरते हुए 4-3 की बढ़त ली। तीन मिनट के पहले पीरियड में आगे रहने के बाद दूसरे पीरियड में भी अमन ने जल्द ही स्कोर को 6-3 कर दिया। इसके बाद तो बस अमन का ही जलवा रहा और उन्होंने 7 पॉइंट्स और हासिल किए, जिसके दम पर 13-5 से उन्होंने ब्रॉन्ज अपने नाम कर लिया।
पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहे 21 साल के अमन के लिए डेब्यू यादगार रहा। उन्होंने शुरुआत ही शानदार की और पहली ही बाउट में मेसिडोनिया के व्लादिमिर इगोरोव को 10-0 से हरा दिया था। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में भी उनका यही कमाल देखने को मिला जहां उन्होंने अल्बानिया के जेलिमखान अबाकरोव को भी 12-0 से हराते हुए सेमीफाइनल में एंट्री मारी थी। सेमीफाइनल में हालांकि अमन को हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके सामने वर्ल्ड नंबर-1 जापान के रेइ हिगुची थे। हिगुची ने अमन को 10-0 से हराते हुए फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को खत्म कर दिया।
अपने गुरु को हराकर ओलंपिक पहुंचे थे अमन
अमन की ये सफलता बेहद खास है क्योंकि इस कैटेगरी में भारत ने लगातार 2 ओलंपिक मेडल जीत लिए हैं। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया ने भी 57 किलो कैटेगरी में हिस्सा लिया था। रवि का भी वो पहला ही ओलंपिक था और उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। इससे भी ज्यादा खास बात ये है कि अमन दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में रवि के साथ ही ट्रेनिंग करते रहे हैं और उन्हें अपना गुरु मानते रहे हैं। इस बार उन्होंने नेशनल ट्रायल्स में रवि दहिया को ही हराकर क्वालिफायर्स में जगह बनाई थी और फिर पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल किया था।
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