दिव्यांग हिंदू छात्र को शिक्षक ने खिलाया मीट संस्पेड
पुलिस ने आराेपी शिक्षक को लिया हिरासत में
हिंदू संगठनों का थाने पर किया हंगामा ,रोष
मेरठ । शिक्षा के पवित्र मंदिरों को भी अब अपवित्र करने का गंदा खेल शुरू हो गया है। यहां छोटे बच्चों की नासमझी का फायदा उठा कर एक शिक्षक पर उसे जबरन मीट खिलाने का आरोप है। हालांकि उक्त शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । बीएसए आशा चौधरी ने पकड़े गये शिक्षक को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ जांच बैठा दी है। वही हिंदू संगठनों में मीट खिलाने को लेकर खासा आक्रोश फैला गया है।
थाना कोतवाली क्षेत्र के वेदवाड़ा में प्राइमरी पाठशाला है। यहां पर बीस बच्चे पंजीकृत है। सोमवार का पंजिका में 6 बच्चे उपस्थित दिखाए गये। स्कूल में मौ. इकबाल प्राथमिक अध्यापक के पद पर तैनात है। यह अधिकतर मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं। बताया जाता है कि उक्त पाठशाला में दो तीन ही गैर मुस्लिम बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। सोमवार को तीन बच्चे नामांकन कराने के लिए आये थे। जिस पर शिक्षक इकबाल ने उन्हीं में एक बच्चे को सौ रुपये देकर मीट मंगाया। एक बच्चों को छोड़कर सभी बच्चों को मीट वितरित किया गया। स्कूल में केवल दो बच्चे हिदूं है। एक हिंदू मानसिक दिव्यांग होने के कारण बच्चे ने मीट खा लिया।
जिसकी जानकारी मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी श्याम मोहन अस्थाना को मौके पर जांच के लिए भेजा गया। जांच में पता चला पता चला है कि इनमें से भी एक बच्चा दिव्यांग है। बताया जाता है कि उक्त दिव्यांग बच्चे को ही आरोपी शिक्षक ने मीट खिलाया । यह जानकारी जैसे ही हिंदू संगठनों को लगी तो उन्होंने स्कूल में पहुंच कर हंगामा आरंभ कर दिया । यहां से यह लोग थाने आ गए और आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओ ने थाने पर भी हंगामा किया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया। उधर बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी ने शिक्षक इकबाल को निलंबित कर दिया है। निलंबित शिक्षक को प्राथमिक विद्यालय लिसाड़ी से सम्बद्ध कर दिया गया है। जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार को नामित किया गया है। घटना के बारे में बीएसए ने डीएम,सीडीओ, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक, वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा ,खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र आदि को प्रतिलिपि भेजी गयी है। वहीं आरोपी शिक्षक के दूसरे संप्रदाय से होने के कारण मामला गरमाया हुआ है।
No comments:
Post a Comment