50 साल पार कर चुके मेरठ के एल्युमिनाई जब खेलेंगे गिल्ली डंडा व कंचे
अगले माह 30 व 1 दिसम्बर को मेरठ कालेज में पुरानी होगी यादें ताजा
मेरठ। जिंदगी में सब कुछ हासिल करने के आप सोचे कि वो पुराने दिन कैसे मिले जब एक दूसरे के साथ गिल्ली डंडा, कंचे खेलना, आइसपाइस, गिटटी फोड़ आदि खेलो को फिर से खेलने का मौका मिले तो ऐसे मौके शायद कोई होगा ऐसे पल को छोड़ना चाहेगा। जी हां मेरठ कॉलेज के 132 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है। देश विदेश में मेरठ कॉलेज से शिक्षा ग्रहण कर चुके एम्लुमिनाई एक साथ होंगे। उस वक्त न कोई अधिकारी होगा न कोई छोटा बड़ा न ही कोई वीआईपी सब एक साथ दो दिन ऐसे खेलते नजर आएंगे । जो उन्होंने बचपन के समय खेले थे। ऐसा मौका अगले माह तीस नवम्बर व एक दिसम्बर का ।
मेरठ कॅालेज के प्राचार्य प्रो युद्धवीर सिंह ने बताया कि मेरठ कॉलेज पुरानी विरासत समेटे हुए है। यहां से शिक्षा ग्रहण करने वालों ने भारत ही नहीं अपितु विदेशाें अपना परचम लहराया है। उन्होंने बताया मेरठ कॉलेज अगले माह 30 नवम्बर व एक दिसम्बर को ऐसे दो हजार मेहमानों का गवाह बनेगा। उन्होंने बताया दो चलने वाले कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों को पूरी तरह बचपन का माहौल मिलेगा। मेहमानोंखेत में सांग , गिल्ली डंडा , गिटटी फोड़, कंचे, खो-खो खेलते हुए दिखाई देंगे। उन्होंने बताया उस दौरान न तो कोई वीआईपी होगा, न ही को अध्यक्ष सिर्फ और सिर्फ पुरातन छात्र होंगे। उन्होंने बताया इस प्रकार का कार्यक्रम में मेरठ काॅलेज के इतिहास में पहली बार किया जा रहा है।
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