घर -घर कुष्ठ रोगी खोजी अभियान 2 सितंबर से
घर-घर जाकर आशा कुष्ठ रोगी मरीजों को करेगी तलाश
जनपद की आशाओं का संवेदीकरण आरंभ हुआ
मेरठ। जनपद से कुष्ठ रोग को 2027 तक जड़ से खत्म करने के लिए अगले माह 2 सितंबर 15 तक पूरे जनपद में कुष्ठ रोग खोजी अभियान चलाया जाएगा। शहरी में ग्रामीण क्षेत्र की आशाएं घर-घर जाकर कुष्ठ रोगी मरीज को तलाश करेगी। अभियान को सफल बनाने के लिए आशाओं का संवेदीकरण आरंभ हो गया है।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डा. राजबाला तोमर ने बताया कि समाज में छुपे हुए कुष्ठ रोगियों को खोज निकालने हेतु राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, उ.प्र. के अर्न्तगत 2 सितम्बर से 15 सितम्बर तक कुष्ठ रोगी खोजी अभियान 14 दिवसीय चलाया जाएगा । अभियान के अंतर्गत ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र की सीएचसी व पीएचसी पर सभी आशाओं का संवेदनीकरण शुरू कर दिया गया है जिसमें आशाये घर-घर जा कर कुष्ठ रोग के बारे में लोगों को जागरूक करेगीं तथा छुपे हुए कुष्ठ रोगियों को खोज कर उन्हें इलाज के लिए प्रेरित करेगी साथ ही साथ यह भी बताएगी कि कुष्ठ रोग का इलाज सम्भव है तथा एमडीटी दवाइयों के द्वारा पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है और मरीज को दिव्यांग होने से भी बचाया जा सकता है। इस अभियान को सफल बनाने हेतु जनपद में लगभग 4200 आशा टीमों का गठन किया गया है। जिससे कि कुष्ठ रोगी खोजी अभियान 14 दिवसीय को सफल बनाया जा सकें।जनपद की जनता से यह अपील करनी है कि कुष्ठ रोग को छिपाए नहीं, यह लाइलाज नहीं है यह एम डी टी दवा खाने से ठीक हो जाता है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग को लेकर समाज में एक मिथक यह है कि कुष्ठ राेग पिछले जन्म में बुरे कर्माें का फल है। जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। यह बीमारी बैक्टीरिया के कारण होती है ओर समय पर पहचान के बाद इसका उपचार संभव है। कुष्ठ रोग के लक्षण नजर आने पर अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र परार्मश लें।
रोगियों को छूने से नहीं होता कुष्ठ रोग
कुष्ठ रोगियों के छूृने भर से यह संक्रमण लग जाता है। यह भी एक मिथक है। कुष्ठ रोग संक्रामक तो है लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है कि कुष्ठ रोगी के पास से निकलने या हाथ मिलाने से कुष्ठ रोग हो जाता है। इस मिथक के कारण कुष्ठ रोगियों को सामाजिक तिरस्कार झेलना पड़ता है।
कुष्ठ रोग के लक्षण
त्वचा के रंग का हल्का या गहरा होना
प्रभावित हिस्से पर सुन्न्पन का अहसास होना
शरीर के किसी हिस्से पर गांठ होना
भौंहों के बालों का झड़ना या खत्म होना
हथेली ओर पैर के तलवों पर दर्द रहित छाले पड़ना
कमींज के बटन बंद करने में असमर्थ होना
हाथ या पैर उंगलियां टेढ़ी होने लगना
हाथ -पैरों की मांसपेशियां कमजोर पड़ना
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