एचआईवी से संक्रमित मरीज गर्भवती महिलाओं उपचार लापरवाही नहीं करनी चाहिए 

विश्व हेपिटाइटिस दिवस पर चार दिवसीय सीएमई का आयोजन 

मेरठ।सोमवार को  मेडिकल कॉलेज  में विश्व हेपिटाइटिस दिवस के उपलक्ष्य में चार दिवसीय सी.एम.ई. का आयोजन किया गया। हेपेटाइटिस विषय के संबंध में नैदानिक सुविधाएँ,हेपेटाइटिस से बचाव एवं रोकथाम, पोस्टर तथा क्विज प्रतियोगिता,हेपेटाइटिस जागरूकता संबंधी रैली, आदि विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 

 सी.एम.ई. का शुभारंभ प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ अशोक कटारिया,मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मेरठ ने  अपनी गौरवमयी उपस्थिति प्रदान की।  डॉ प्रीति सिंह आचार्य एवं विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी विभाग ने लीवर की अत्यधिक जांच के विषय में बताया साथ ही साथ उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस के विशेष मरीज जैसे एचआईवी से संक्रमित मरीज गर्भवती महिलाओं आदि के उपचार के विषय में विशेष ध्यान देना चाहिए।

 डॉ पंकज कुमार, सहा-आचार्य मेडिसिन विभाग ने हेपेटाइटिस बी के नैदानिक सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ रचना सेमवाल व डॉ स्वाति सहा-आचार्य मेडिसिन विभाग ने हेपेटाइटिस के रोकथाम तथा प्रबंधन के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। डॉ अमित गर्ग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने वायरल हेपिटाइटिस की अत्यधिक जांच एवं सुविधाओं के बारे में बताया।

  मेडिकल कॉलेज मेरठ के हेपेटाइटिस मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर के प्रभारी अधिकारी डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि देश में हेपेटाइटिस से संक्रमित मरीजों की  लगातार बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम को विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई के दिन 2018 में शुरू किया इस उद्देश्य के साथ की 2030 तक हम इस बीमारी से अपने देश को मुक्त कर लेंगे.

 हेपेटाइटिस के लक्षण

 भूख का कम शरीर में कमजोरी लगना आंखें वह पेशाब तथा त्वचा का रंग पीला होना मछली आना हल्का बुखार होना सर एवं पेट में दर्द का रहना जोड़ों में दर्द रहना आदि है

 हेपेटाइटिस बी एवं सी का संक्रमण कैसे फैलता है

 किसी संक्रमित मरीज में उपयोग में किए गए इंजेक्शन अथवा  सिरिंज का पुनः उपयोग, इंजेक्शन की सैयां का साझा किया जाना नीडल  द्वारा शरीर पर टैटू बनवाना शारीरिक अंग जैसे नाक कान व अन्य अंगों को भेजने के लिए संक्रमित सुई का उपयोग करना रेजर ब्लेड नेल कटर टूथब्रश आदि का साझा करना असुरक्षित समलैंगिक अथवा विषम लैंगिक यौन संबंध बनाना, संक्रमित रक्त एवं रक्त उत्पादन का संचार, डायलिसिस आदि।

 हेपेटाइटिस बी के संक्रमण का माँ से शिशु को संरचरण -

 सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस बी की जांच अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर करनी चाहिए एवं धनात्मक पाई गई गर्भवती महिलाओं को प्रसव केंद्र पर ही कराना चाहिए तथा नवजात शिशु को जन्म के 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी के पहले टीका की खुराक दिया जाना अनिवार्य है क्योंकि धनात्मक गर्भवती महिलाओं से बच्चों में हेपेटाइटिस के संचरण का खतरा बना रहता है।

  कार्यक्रम में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रमों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं ने क्विज व पोस्टर प्रतियोगिता में बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग किया। पोस्टर एवं क्विज प्रतियोगिता में मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष  डॉ आभा गुप्ता,फ़ार्माकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मोनिका शर्मा,ई०एन०टी० विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनीत शर्मा,फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ विनीता कुशवाहा, क्लीनिकल समिति की अध्यक्ष डॉ नेहा सिंह ने प्रतियोगिता का सफल संचालन किया। पोस्टर एवं क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रशस्ति पत्र भी दिये गये। 

हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से बचाव और जागरूकता हेतु  मेडिसिन विभाग की ओ०पी०डी० जागरूकता अभियान चलाया गया तथा मेडिकल कॉलेज के परिसर में एक जागरूकता रैली भी निकाली गई। प्राचार्य मेडिकल कॉलेज मेरठ ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस का लक्षण है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें तथा जांच कराये और पैथोलॉजी विभाग में लिवर की बीमारियों से  संबंधित सभी जांच जैसे एसजीपीटी ऐस ज़ी ओटी एवं बिलिरूबीन की जांच करनी चाहिए साथ ही साथ उन्होंने वायरल हेपिटाइटिस की वैक्सीनेशन के बारे में बताया।

इस कार्यक्रम के दौरान एस०वी०बी०पी० चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ धीरज बालियान, मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ आभा गुप्ता, डॉ योगिता सिंह, डॉ स्नेहलता वर्मा, डॉ पंकज कुमार, डॉ धर्मिष्ठा शर्मा , फार्मेसी विभाग के सहायक आचार्य डॉ राहुल सिंह, मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट डॉक्टर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर के प्रभारी अधिकारी डॉ अरविंद कुमार को बधाई दी।

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