यूपी में डीएम के रिश्तेदार का अपहरण, मंत्री के रिश्तेदार ने वसूली फिरौती
मुकदमा लिखने पर कोतवाल लाइन हाज़िर
बलिया। यूपी के बलिया में एक ‘कलेक्टर’ के रिश्तेदार का प्रदेश के एक ‘मंत्री’ के रिश्तेदार ने दिनदहाड़े अपहरण कर लिया और दस लाख की फिरौती वसूल ली। इस अपहरण मामले में मंत्री के रिश्तेदार के खिलाफ मुकदमा लिखकर उसे गिरफ्तार करना सदर कोतवाल को महंगा पड़ गया। मंत्री की हनक में एसपी ने कोतवाल को लाइन हाज़िर कर दिया है।
चितबड़ागांव के पेट्रोल पंप स्वामी उद्देश्य कुमार गुप्ता पुत्र अविनाश कुमार गुप्ता ने सदर कोतवाली में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि गत शुक्रवार को दोपहर तीन बजे जिला पंचायत कार्यालय में कार खड़ी कर वह सब रजिस्टार कार्यालय बलिया में मुआयना संबंधी कार्य को कर वापस आ रहा था। उद्देश्य गुप्ता ने आरोप लगाया था कि दिनेश प्रताप सिंह व कृष्ण प्रताप सिंह निवासी संकट मोचन कॉलोनी सिविल लाइन उससे गाली-गलौज करने लगे। जिसके बाद दोनों लोग उसे अपहरण करके जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठा कर अपने घर ले गए और दस लाख रुपया वसूल कर रिहा किया है।
बताया जा रहा है उददेश्य गुप्ता प्रदेश के एक आईएएस अधिकारी का रिश्तेदार है जो एक ज़िले में जिलाधिकारी है। उद्देश्य ने जिलाधिकारी को घटना की जानकारी दी तो उन्होंने बलिया के पुलिस अफसर को फ़ोन किया जिस पर कोतवाल संजय सिंह ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 140 (2), 351(3). 352 में मुकदमा दर्ज कर लिया और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया, वहां से कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया।
आरोपी के एक रिश्तेदार भी प्रदेश सरकार में मंत्री है, उन्हें जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होनें बिना मामले की जांच किए केस दर्ज कर गिरफ्तारी करने का आरोप कोतवाल पर लगा दिया । जिसके बाद मंत्री के कड़े तेवर पर एसपी ने सदर कोतवाल संजय सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया।
मंत्री के फोन का असर यह रहा कि पेट्रोल पंप व्यापारी अपहरण मामले में जेल में बंद दिनेश प्रताप सिंह को अचानक सीने में दर्द होने की शिकायत हुई और जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया जहाँ चिकित्सक ने हालत गंभीर देख वहीं भर्ती कर लिया।
अस्पताल में इलाज करा रहे दिनेश प्रताप सिंह का कहना है कि उन पर अपहरण का आरोप गलत है। पेट्रोल पंप चलाने के लिए उद्देश्य गुप्ता के परिजनों ने उनसे दस लाख रुपया कर्ज लिया था, जिसके उनके पास कागजात भी हैं। उद्देश्य का अपहरण नहीं किया गया। वह खुद मेरे घर बातचीत के लिए पहुंचा था। कोतवाल संजय सिंह ने मुझसे पांच लाख रुपये की मांग की थी, न देने पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया था ।
समाजवादी पार्टी समेत सोशल मीडिया पर यूजर इस मामले को लेकर योगी सरकार को कटघरे में खड़े कर रहे है। समाजवादी मीडिया सेल ने एक्स पर लिखा है- योगी जी आपके मंत्रिमंडल का मंत्री किडनैपिंग करवाता है ,किडनैपरों को पुलिस से छुड़ाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाता है कुछ शर्म बाकी है आपमें या बेच डाली है आपने शर्म भी ? आपके नेतृत्व में किडनैपरों का संगठित गिरोह काम कर रहा है योगी जी ? जघन्य अपराधियों को संरक्षण देने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं आप ,शर्म कीजिए।
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