पहले भी दी लैब, सुभारती वि वि का संबंध नहीं

समूह का नाम जुड़ने पर दिया गलत करार 

मेरठ। सीएसआईआर नेट में गड़बड़ी से सुभारती विवि का नाम जोड़ने को समूह संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण ने गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कैंपस में ऑनलाइन परीक्षा हुई हो। पहले भी टीसीएस, एस्ट्रिक्स जैसी संस्थाओं ने विवि की कंप्यूटर लैब किराए पर ले + ऑनलाइन परीक्षाएं कराई हैं। सर्वर, लैपटॉप सहित विभिन्न इलेक्ट्रानिक उपकरण परीक्षा कराने वाली संस्थाओं के होते हैं।

उनके अनुसार विवि के जो दो कर्मचारी मौके पर मिले थे उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया। सुभारती के आईटी विभाग में 34 व्यक्ति काम करते हैं और आईडी हेड विवेक तिवारी हैं ना कि अरुण शर्मा। अरुण का सुभारती विवि के आईटी विभाग से कोई संबद्ध नहीं है। लैब की देखरेख करने वाले अरुण शर्मा को केवल यह जिम्मेदारी दी थी कि वह एनएसईआईटी को लैब के सभी कंप्यूटर चेक करवा कर उनकी अभिरक्षा में दे दें। 

एनएसईआईटी को लैब लेने के बाद अरुण को हटा देना चाहिए था। जब विवि ने ये दोनों कर्मचारी नियुक्त किए ही नहीं तो एनएसईआईटी को बताना चाहिए कि वे वहां क्यों थे। कहा कि एनएसईआईटी के अधिकारियों ने विवि के कर्मचारियों को लोभ एवं लालच देकर अपने साथ मिलाया होगा।

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