भारत की झोली में आया पहला मेडल

 शूटिंग में हरियाणा की छोरी ने किया कमाल, जीता कांस्य पदक 

 पेरिस ,एजेंसी। भारत की शूटिंग स्टार मनु भाकर भारतीयों की उम्मीदों पर बिल्कल खरा उतरी हैं। उन्होंने देश को पहला मेडल दिलाने में सफलता हासिल कर ली है। मनु भाकर ने ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना लगाया और भारत की झोली में पहला मेडल लाकर रख दिया। मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ये मेडल जीता है। मनु के पदक जीतने पर देश के पीएम ने बधाई दी है। 

मनु को शूटिंग गर्ल के नाम से जाना जाता है. उन्हें बचपन से ही खेलों में रुचि थी, जिसमें उनके पिता ने भी उनका साथ दिया था। वैसे तो  हरियाणा को मुक्केबाजों और पहलवानों के नाम से जाना जाता है। यहां के एथलीटों ने दुनियाभर में अपना परचम लहराया है और देश का नाम रोशन किया है।शूटिंग गर्ल मनु भाकर भी इसी राज्य से आती हैं और रविवार यानी 28 जुलाई को उन्होंने फिर से अपना परचम लहरा दिया। हरियाणा के झज्जर में जन्मीं मनु भाकर को बचपन से ही खेलों में रुचि थी। वह टेनिस से लेकर स्केटिंग और मुक्केबाजी प्रतियोगिताओं में अक्सर हिस्सा लेती रहती थीं। इसके अलावा उन्होंने एक मार्शल आर्ट में भी हिस्सा लिया था, जिसे नेशनल लेवल पर मेडल जीतने वाली ‘थान टा’ के नाम से जाना जाता है।

मनु भाकर जब 14 साल की थीं, तभी उन्होंने निशानेबाजी में अपना करियर बनाने का फैसला कर लिया था। तब अभी-अभी 2016 में रियो ओलंपिक खत्म ही हुआ था। उन्होंने जब अपने पिता राम किशन भाकर से शूटिंग की प्रैक्टिस के लिए पिस्टल लाने को कहा तो उनके पिता ने भी उनके फैसला का सम्मान किया और उन्हें पिस्टल लाकर दे दी। उनकी उसी फैसले ने आज मनु भाकर को ओलंपियन बना दिया। 

साल 2017 में नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में मनु भाकर ने हिस्सा लिया था और चौंकाने वाला उलटफेर किया था।उन्होंने ओलंपियन और पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी हीना सिद्धू को 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में हरा दिया था। इसके अलावा 2017 में ही एशियन जूनियर चैंपियनशिप में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था और उसके बाद तो वह पूरे देश में फेमस हो गईं। मनु भाकर ने मेक्सिको के ग्वाडलजारा में अपने अंतर्राष्ट्रीय खेल शूटिंग महासंघ विश्व कप में डेब्यू किया था और अपने डेब्यू मैच में ही उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था। 10 मीटर एयर पिस्टल के वुमेंस फाइनल में उन्होंने ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता से लेकर वर्ल्ड कप विजेता तक को पीछे छोड़ दिया था। महज 16 साल की उम्र में ही वह आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गई थीं। उसके बाद से उनकी जीत का ये सिलसिला थमा ही नहीं और अब तो उन्होंने पेरिस ओलंपिक में भी अपना परचम लहरा दिया है। पूरा देश मनु पर गर्व कर रहा है। 

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