लेखपाल बनते ही बेवफा हुई पत्नी

 कारपेंटर पति से बोली- ‘तेरा मेरा कोई मेल नहीं’

 झांसी,एजेंसी। झांसी में सरकारी नौकरी मिलते ही एक पत्नी की बेवफाई का मामला सामने आया है। यहां सरकारी नौकरी मिलते ही पांच साल का प्यार, दो साल की शादीशुदा जिंदगी छोड़ कर युवती ने अपने कारपेंटर पति को कह दिया है कि उन दोनों का कोई मेल नहीं है. पीड़ित पति ने पुलिस में शिकायत दी है।

बरेली में ज्योति मौर्या का केस अब पुराना हो गया है। झांसी में एक नया मामला सामने आया है। यहां एक युवती ने कुछ समय पहले एक कारपेंटर से लव मैरेज की थी।दोनों में प्यार ऐसा था कि वो एक दूसरे को देखे बिना रह भी नहीं पाते थे। पति के वियोग से बचने के लिए युवती कभी मायके तक नहीं गई। हालांकि ससुराल में रहकर वह कंपिटीशन की तैयारी करती रही। इसी बीच उसका लेखपाल की परीक्षा में सिलेक्शन हो गया।

अब युवती ने कारपेंटर पति को साफ बोल दिया है कि तेरा मेरा कोई मेल नहीं। तुम कोई और देख लो। फिलहाल मामला पुलिस के पास पहुंच गया है। पुलिस दोनों के बीच समझौता कराने का प्रयास कर रही है। पीड़ित पति नीरज विश्वकर्मा ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि करीब पांच साल पहले उसके एक दोस्त के जरिए ऋचा से मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच पहली नजर में प्यार हो गया। कुछ दिन तक तो दोनों फोन पर और मिलकर प्यार भरी बातें करते रहे, लेकिन दोनों को एक दूसरे से अलग होना पसंद नहीं था।

इसलिए 6 फरवरी 2022 को दोनों ने कोर्ट में हाजिर होकर शादी कर लिया। नीरज ने बताया कि वह तो बढ़ई का काम करता था, लेकिन ऋचा के सपने ऊंचे थे और पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती थी। उसने भी ऋचा का हौंसला बढ़ाया और खुद कष्ट सहते हुए उसे आगे की पढ़ाई कराई। कोचिंग की फीस भरी। इसी बीच लेखपाल भर्ती के लिए फार्म निकला तो वह खुद बाजार से फार्म भी खरीद कर लाया। उसने इस परीक्षा की तैयारी के लिए ऋचा को घरेलू कार्य से मुक्त कर दिया।

यहां तक कि उसके लिए खाना भी वह खुद बनाता था। पिछले साल इस परीक्षा का रिजल्ट आया। इसमें जब ऋचा का चयन हो गया तो उसका पूरा घर खुशियों से भर पड़ा। लेकिन यह खुशियां दो चार दिनों से ज्यादा नहीं टिक पायीं. रिजल्ट देखने के बाद ही उसकी पत्नी ऋचा के तेवर भी बदलने लगे। करीब 6 महीने पहले एक दिन उसकी पत्नी घर से कॉलेज जाने की बात कह कर निकली और फिर वापस नहीं लौटी। इसके बाद उसने हर संभावित स्थान पर उसकी तलाश कराई।

नीरज ने पुलिस को बताया कि लेखपाल बनते ही उसकी पत्नी के रंग ढंग बदल गए थे। उसने बातचीत तो दूर, फोन उठाना भी बंद कर दिया था। यहां तक कि बुधवार को वह लेखपाल का सार्टिफिकेट लेने कलेक्ट्रेट पहुंची, तो वह भी पहुंच गया था, लेकिन उसे देखकर ऋचा चुपचाप पीछे के रास्ते से निकल गई।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts