हापुड़ एसपी-एएसपी पुलिस की इमेज बचाने में सिस्टम की भेंट चढ़े

 आधी रात को एसपी-एएसपी का तबादला

हापुड़।डीजीपी मुख्यालय ने मंगलवार देर रात हापुड़ के एसपी अभिषेक वर्मा को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया। उनके स्थान पर गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में तैनात कुंवर ज्ञानंजय सिंह को हापुड़ का नया एसपी नियुक्त किया गया है। वहीं, एएसपी राजकुमार अग्रवाल को हटाकर उनके स्थान पर विनीत भटनागर को नियुक्त किया गया है। 

 मिली जानकारी के अनुसार थाना पिलखुवा क्षेत्र अंतर्गत रामा मेडिकल कॉलेज से एक महिला मरीज की ओर से शिकायत की गई थी कि उसका बेहतर इलाज नहीं हो रहा है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए दरोगा जांच करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस और अस्पताल कर्मीयों में बहस हो गई। मेडिकल कॉलेज डायरेक्टर बिगड़ गए कि तुम्हारी मुझसे बात करने की हिम्मत कैसे हुई। डायरेक्टर ने इंस्पेक्टर से फोन कर आपत्ति जताई। डायरेक्टर की इंस्पेक्टर से भी फोन पर बहस हो गई। कप्तान के आदेश के बाद एडिशनल एसपी कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ डायरेक्टर को पकड़ने पहुंच गए। डायरेक्टर और मालिक ने सीधे 'ऊपर' फोन लगा दिया। कुछ ही देर में पुलिस फोर्स को लौटना पड़ा। मामला इतना गंभीर हो गया की रात में ही एडीजी और आईजी जांच करने पहुंच गए। जो रात दो बजे तक अस्पताल में रहे। शासन को रिपोर्ट सौंपने के कुछ देर में पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा और अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार अग्रवाल को जिले से हटा दिया गया। वहीं, ऐसा कहा जा रहा है कि पुलिस उपाधीक्षक पिलखुवा, कोतवाल और दरोगा भी हटाए जा सकतें हैं। 

ये है व्यवस्था

हापुड़ पुलीस अधीक्षक अभिषेक वर्मा और अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार अग्रवाल पुलिस की इमेज बचाने में सिस्टम की भेंट चढ़ गए। अब सवाल ये है कि रामा मेडिकल कॉलेज के खिलाफ अगर आगे चलकर कोई शिकायत होंगी तो कार्रवाई करेगा कौन?

क्या था महिला मरीज का मामला?

बिजनौर के चांदपुर निवासी जुबैदा की कमर के निचले हिस्से ने कुछ दिन पहले काम करना बंद कर दिया था। 25 जून को बेटे जावेद ने उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। जांच में डॉक्टरों ने रीढ़ की हड्डी के पास ट्यूमर बताया। 13 दिन पहले ऑपरेशन करके ट्यूमर को निकाला था।

जावेद ने बताया- ऑपरेशन के बावजूद मां के शरीर से खून बहना बंद नहीं हुआ था। डॉक्टर 15 यूनिट खून चढ़ चुके थे। यह देखकर मैंने डॉक्टरों से मां की सभी रिपोर्ट देने को कहा, लेकिन हॉस्पिटल रिपोर्ट देने और मरीज को डिस्चार्ज करने में आनाकानी करने लगा। इसके बाद डायल-112 को सूचना दी थी।

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