खादर क्षेत्र में  गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा 

बाढ़ के पानी में डूबी फसल , चारे का संकट दिखाई देने लगा 

बिजनौर को जोड़ने वाला रास्ता भीमकुंड बंद, रूट डायवर्ट किया गया

मेरठ। बिजनौर से लगातार गंगा नदी का पानी छोडे जाने से खादर क्षेत्र में बाढ़ खतरा मड़राने लगा है। पानी बढ़ने के कारण खेतों में पानी आना शुरू हो गया है।बिजनौर-मेरठ को जोड़ने वाला रास्ता भीमकुंड बंद हो गया। यहां रूट डायवर्जन किया गया है। जिसके कारण कारण लोगों को लंबा सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से किसानों को खेतों पर न जाने की लगातार अपील की जा रही है। 

।  पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है।बिजनौर बैराज से 1 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि हरिद्वार भीमकुंड से एक लाख 15 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है। लगातार पानी के छोडे जाने से खादर क्षेत्र के अधिकतर गांव बाढ़ की चपेट में आ गये है। खेतो से पानी होता हुआ किसानेां के घर तक जा पहुंचा है। किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी है। खेतों में बाढ़ का पानी आने के कारणचारे का संकट खडा हो गया है। बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है। किसानों से खेतों व गंगा में न जाने की अपील की जा रही है। 

वही बिजनौर से जोड़ने वाले भीकुंंड जाने वाले रास्तें को फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से बंद कर दिया है। लगातार पानी आने से रास्ता खराब हो गया है। हस्तिनापुर से चांदपुर (बिजनौर) जाने वाले यातायात को गणेशपुर-बहसूमा-मीरापुर से होकर डायवर्ट किया गया है।साथ ही चांदपुर (बिजनौर) से हस्तिनापुर जाने वाले यातायात को मीरापुर-बहसूमा-गणेशपुर होकर डायवर्ट किया गया है।

 एसडीएम अंकित कुमार ने गंगा का जलस्तर बढ़ने से पहले बाढ़ चौकी स्थापित कर कंट्रोल रूम बनाए जाने की तैयारी कर दी है तो वहीं लेखपालों को अलर्ट रहने के आदेश दिए हैं। लोगों को बरसात के वक्त खेतों की ओर जाने से रोका गया है। गंगा किनारे बसे गांवों में निवास करने वाले लोगों को अलर्ट कर खाली मकान कराए जाने के आदेश दिए गए हैं।


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