पूर्व बार एसो. के निधन पर नहीं हो सकती रफीक अंसारी की बेल की सुनवाई 

मेरठ। बार एसो. के पूर्व अध्यक्ष महावीर त्यागी के अचानक निधन पर सपा शहर विधायक रफीक अंसारी की जमानत याचिका पर शनिवार को सुनवाई हो सकी। बार एसो. के पूर्व अध्यक्ष महावीर त्यागी के अचानक निधन के कारण मेरठ कचहरी में अवकाश हो गया। सभी अधिवक्ताओं ने मिलकर शोक सभा का आयोजन किया। इसलिए कोर्ट नहीं लगी। अब सोमवार को रफीक अंसारी की बेल पर सुनवाई हो सकती है। 27 मई से सपा विधायक रफीक अंसारी मेरठ जेल में बंद हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट के मामले में मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी को लखनऊ में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वह 101 गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। वहीं शनिवार को जमानत अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई होनी थी। सेशन न्यायालय में उनका जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था।लेकिन अचानक बार एसो. के पूर्व अध्यक्ष महावीर त्यागी के निधन पर कोर्ट नहीं लग सकी। अब सोमवार को बेल पर सुनवाई हो सकती है। 

 बता दें 1992 में हापुड़ रोड पर मीट की दुकानों को लेकर अंसारी और कुरैशी बिरादरी के लोग आमने-सामने आ गए थे। भीड़ ने तोड़फोड़ करते हुए आगजनी कर दी थी। इस मामले में लिसाड़ी गेट और नौचंदी थाने में आईपीसी की धारा 147, 427 और 436 के अंतर्गत दो मुकदमे दर्ज किए गए थे।विवेचना में पुलिस ने मौजूदा पार्षद रफीक अंसारी और हाजी बुंदू को भी आरोपी बनाया था। पुलिस ने सन 1995 में 22 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया।रफीक अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, जिसके चलते सन् 1997 में उनके गैरजमानती वारंट जारी हुए। इसके बाद उनके 101 गैरजमानती वारंट जारी हुए। सीआरपीसी की धारा 82 के अंतर्गत कुर्की प्रक्रिया के बावजूद भी रफीक अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हुए।

हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को रफीक अंसारी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। नौचंदी पुलिस ने 27 मई को रफीक अंसारी को बाराबंकी से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। जहां से विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।इस मामले में भाजपा नेताओं ने एसपी सिटी से विधायक द्वारा 2022 के विधानसभा चुनाव के नामांकन में लगाए गए शपथ पत्र में सभी मुकदमों की जानकारी नहीं देने की शिकायत भी की गई है।

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