कैंसर के सफल इलाज में समय की अहम भूमिका- डा मीनू वालिया 

 75 व 68 साल को महिलाओं ब्रेस्ट केंसर को ठीक कर दिया नया जीवन दान 

मेरठ। कैंसर के मामले में समय का बहुत महत्व होता है. रोग का जल्दी डायग्नोज होने पर इलाज के अच्छे रिजल्ट आने की संभावना बढ़ जाती है। यह बात मैक्स ऑन्कोलॉजी  विभाग की वाइस चेयरमैन डा. मीनू वालिया ने कही। 

इस अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, पटपड़गंज की मेडिकल ऑन्कोलॉजी की वाइस चेयरमैन डॉक्टर मीनू वालिया भी मौजूद थीं. उनके साथ 68 वर्षीय अनुराधा मारवाह और 75 वर्षीय मरीज लता शर्मा भी थीं, जो कैंसर के सफल इलाज के बाद एक बेहतर जिंदगी गुजार रही हैं।उन्होंने मीडिया को  जानकारी देते हुए बताया कि  'मरीज अनुराधा फरवरी 2018 में मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी के बाद हमारे पास आई थीं. सर्जरी के बाद आगे की जांच करने पर, यह पाया गया कि वह आक्रामक रूप वाले स्तन कैंसर-ट्रिपल नेगेटिव स्तन कैंसर (टीएनबीसी) से पीड़ित हैं. चुनौतियों के बावजूद कीमोथेरेपी शुरू की गई जो मार्च 2018 से अगस्त 2018 तक चली।इसके बाद उनके फॉलोअप चले और 6 वर्षों से वो बिनी किसी नई शिकायत के आसान जीवन गुजार रही हैं। ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (TNBC) के खिलाफ लड़ाई में, सही इलाज और विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम मुश्किल को आसान कर सकती है। टीएनबीसी, जिसे स्तन कैंसर के सबसे आक्रामक प्रकार के रूप में जाना जाता है, इसमें कई तरह की चुनौतियां होती हैं. फिर भी, एडवांस उपचारों और अत्यधिक कुशल ऑन्कोलॉजी टीम के साथ, हम बेहतर रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं। 

75 वर्षीय मरीज लता शर्मा के केस की जानकारी देते हुए डॉक्टर मीनू वालिया ने कहा, ''लता शर्मा अगस्त 2020 में दर्द और अपने दाहिने स्तन में एक गांठ के साथ हमारे पास आई थी। जांच पड़ताल के बाद स्तन कैंसर का पता चला। 75 साल की उम्र में कैंसर से लड़ने निर्णय एक साहसी कदम थी। क्योंकि इस अवस्था में अक्सर साइड इफेक्ट्स का डर रहता है और रूटीन लाइफ मुश्किल होने का खतरा भी। आमतौर पर इस आयु वर्ग में लोग इस तरह के ट्रीटमेंट से बचते हैं, यहां तक कि परिवार वाले भी संदेह में रहते हैं. लेकिन 70 वर्ष की आयु के बावजूद, लता शर्मा और उनके परिवार ने आक्रामक इलाज का विकल्प चुना। वह एक सफल मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी से गुजरीं, उसके बाद एडजुवेंट कीमोथेरेपी और ओरल हार्मोनल थेरेपी की गई। महिला मरीज के पॉजिटिव दृष्टिकोण ने काफी अहम रोल निभाया, और उनके लेटेस्ट पीईटी-सीटी स्कैन में अच्छे रिजल्ट के संकेत नजर आए. डायग्नोसिस के चार साल बाद 75 साल की उम्र में, लता शर्मा एक अच्छा जीवन गुजार रही हैं। 

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