देश धर्म से नहीं चलता देश चलता है विकास
जब भी कोइ भी इन्सान ख़ुद को जनता से उपर और भगवान के बराबर समझने लगता तब उसका साथ ना तो जनता देती और ना ही भगवान देते हेे। बीजेपी को अब अपनी निति बदलनी होगी अति उत्साहित होकर उल्टे सीधे बयान बाज़ी करना भी मंहगा पड़ा आज बीजेपी 240 सीट्स पर सिमट गई और वह भी केवल 10 साल में जिस तरह से बीजेपी 2014 में आत्मविश्वास के साथ आई थी अगर इस आत्मविश्वास के साथ बीजेपी काम करती लोगों की बुनियादी बात सुनती तो आज स्तिथि और ही होती लेकिन बीजेपी ने तो नोटबंदी लॉकडाउन जीएसटी ईडी और न जाने क्या-क्या अपने अहंकार में काम किया। कांग्रेस ने 60- 65 साल राज किया और लगातार देश में कांग्रेस के प्रधानमंत्री बनते रहे ।देश एम्स जैसे संस्थान दिए जब देश आज़ाद हुआ तब क्या था और जब तक काग्रेस रही तब देश मे वो सब था जो हर आमजन को चाहिए। क्या बीजेपी अच्छे काम करती तो इस बार भी जीतती । लेकिन पाट्री ने केवल लोगों को भ्रमित किया और झूठ का सहारा लिया। विकास के नाम पर कभी कोइ चुनाव नहीं लड़ा। हिंदू मुस्लिम, पाकिस्तान ,बाबरी, ताला, मुजरा इन शब्दों का अपने भाषणों में प्रयोग किया जो कहीं ना कहीं खुद बीजेपी के लोगों को पसंद नहीं आया और उसका नतीजा यह निकला की जो बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ दो बार सत्ता में आई आज वहीं बीजेपी 272 के जादुई आंकड़े से भी दूर हो गई।
कोई भी इंसान जब खुद को भगवान के बराबर मानने लगता है तो खुद भगवान ही उसे आईना दिखाते हैं और कहते हैं कि बच्चे भगवान तो मैं ही हूं लोगों ने बड़े ही प्रेम और उत्साह के साथ मोदी को सर आंखों पर बिठाया लेकिन मोदी ने और उनकी सरकार ने अपने पूंजीपति दोस्तों के साथ इस जनता को अपने गलत फैसलों के कारण धरती पर नंगे पांव लाकर खड़ा कर दिया ना उनके पैरों में चप्पल न तन पर कपड़ा ना उठाने कोई सुविधा बस केवल और केवल जनता के जीवन में दुख ही दुख रह गए ।आमजन इतना परेशान हुआ कि उसके बच्चों से पढ़ाई और खुद के कमाने के लाले पड़ गए ना रोटी हाथ लगी एन पढ़ाई हाथ लगी तो अंत में उसी जनता ने बीजेपी से मुंह मोड़ लिया और आज उसे दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया । जहां पर बीजेपी को सहारे की जरूरत थी बिना सहारे के वह खड़ी भी नहीं हो सकती । यानी की खुद 240 सीट है और सत्ता हासिल करने के लिए अपने लोगों के अपने घटक दल के लोगों पर निर्भर रहना पड़ेगा क्या आज बीजेपी को कड़े मंथन की ज़रूरत नहीं है ये देश की राजनीति है कोइ राज्य की नहीं जहां जो चाहे कर दो सब आपके साथ है देश की राजनीति के लिए देश की जनता को साथ लेकर चलना पड़ता है देशवासियों के बीच जाकर उनकी नब्ज देखनी पड़ती है की आख़िर जनता का हित किस में है और जनता आख़िर चाहती क्या ख़ुद के अहंकार में जनता पर अपने फ़ैसले थोपे नहीं जाते।
देश धर्म से नहीं चलता देश चलता है विकास से जनता को सुख सुविधा देने से किसानों पर कितना जुल्म हुआ कितनी बेकसूर किसानों की जानें गईं कभी किसी सत्ताधारी नेता का कोइ बयान नही आना किसानों के साथ अन्याय नही तो कया था देश बिटिया जो देश का विदेशो मे अपने खेलो से नाम किया उन बेटियों का धरने पर बैठना और किसी भी सरकारी अधिकारी का या किसी सत्ताधारी नेता का कोइ बयान देना क्या निंदनीय नही ऐसी बहुत सी चीजे इस सरकार में हुईं लेकिन सरकार हमेशा अपने सत्ता के नशे चूर रही मणिपुर जल रहा था देश के प्रिय प्रधानमंत्री चुनावी रैलियों मे व्यस्त थे देश महिलाओं को मणिपुर में निर्वस्त्र घुमाया जा रहा था सभी सत्ताधारी मौन थे ये भारत है दुनिया भर के लोग यहा रहते हैं सात भाषाओ की वरमाला है ये भारत देश ये पूरी दुनिया का सबसे बडा लोकतंत्र है इसे अपने फायदे के लिए कोइ इस्तेमाल नही कर सकता ये गांधी का देश है ये सुभाष चंद्र बोस का देश है ये हस्ते हस्ते फांसी पर लटक गए भगत सिंह जैसे जांबाज लोगो का देश है चंद्र शेखर आज़ाद देश के दीवानों का देश है ये।
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