वैंकटेश्वरा  में तनाव प्रबंधन पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन

- समूह चेयरमैन/ संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि ने प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी के साथ मिलकर मुख्य अतिथि/ वक्ता  मनीष प्रताप सिंह को पटका, पगड़ी एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया सम्मानित 

- खुद के बजाय दूसरों से उम्मीद करना एवं दूसरों की सोच के हिसाब से अपनी जीवन शैली में बदलाव दुखों एवं तनाव का सबसे बड़ा कारण-मनीष प्रताप सिंह 

मैं भीतर गया तो ‘मै’ भी ‘तर’ गया, यानि ख़ुशी हमारे अन्दर ही है और हम इसे बाहरी दुनिया मे तलाशते है, यही तनाव एवं अवसाद के उत्पत्ति का सबसे बड़ा कारण हैं- डा. सुधीर गिरि 

- प्रत्येक दिन को जीवन का आखिरी दिन मानकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करे, यकीन मानिये जीवन में कभी भी आप तनाव का शिकार नही होंगें- डा. राजीव त्यागी

मेरठ। आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित  वैंकटेश्वरा  संस्थान में ‘स्ट्रेस मैनेजमेंट पर “एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला” का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए रेल मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ निदेशक एवं विख्यात ‘लाइफ कोच’ मनीष प्रताप सिंह ने संस्थान के शिक्षकों एवं छात्र- छात्राओं को जीवन में तनाव से मुक्ति पाने के तरीकों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए ‘सुखद जीवन’ जीने के सिद्धांतों को समझाया ।



श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय/ संस्थान के डा. सी. वी. रमन सभागार में “तनाव प्रबंधन” (Stress Management) विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारम्भ संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि, मुख्य अतिथि रेल मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक श्री मनीष प्रताप सिंह, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलसचिव डा. पीयूष पाण्डे आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप-प्रज्ज्वलित करके किया ।



अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि रेल मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक एवं विख्यात जीवन प्रबन्धन गुरु श्री मनीष प्रताप सिंह ने कहा कि आज पूरे विश्व में दो-तिहाई लोग विशेष रूप से युवा पीढ़ी तनाव एवं अवसाद ग्रस्त है, जिसका मूल कारण अपने ऊपर ‘कम विश्वास’ एवं दूसरों से ‘एक्सपेक्टेशन’ (उम्मीद) है | हमने अपनी खुशियाँ दूसरों में तलाशनी शुरू कर दी है| जब हमारी दूसरों से की गई उम्मीदें पूरी नही होती है तो हम तनाव एवं अवसाद में चले जाते है | उन्होंने सुखद जीवन के लिए ‘स्वयं में विश्वास, समय प्रबन्धन  जीवन के प्रति सकारात्मक नजरियाँ एवं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जरूरतों के मुताबिक स्वयं को अपग्रेड करने का मूलमन्त्र  सिखाया और  ध्यान (मेडिटेशन) को तनावमुक्ति का सबसे बड़ा ‘टूल’ करार देते हुए सभी से इसको अपनाने की अपील की | राष्ट्रीय कार्यशाला को प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलसचिव डा. पीयूष पाण्डे आदि ने भी सम्बोधित किया | इस अवसर पर ग्रुप एडवाइजर श्री आर. एस. शर्मा, सीईओ अजय श्रीवास्तव, डीन विम्स डा. संजीव भट्ट, डा. मोहित शर्मा, डा. सर्बानंद साहू, डा. आशुतोष सिंह, डा. राजेश सिंह, डा. दिव्या गिरधर, डा. एना एरिक ब्राउन, डा. अश्विन सक्सेना, डा. ओमप्रकाश गुसाई, मारूफ चौधरी, डा. नीतू सिंह, डा. मंजरी राणा, मार्केटिंग डायरेक्टर तरुण काम्बोज, आई.टी. हेड. विशाल शर्मा एवं राजीव सिंह, डा. एल.एस. रावत, कैंपस प्रबंधक एस. एस. बघेल अरुण गोस्वामी, शीलभद्र शर्मा, जनसंपर्क विभाग से प्रशांत दहिया एवं श्री राम गुप्ता के साथ मेरठ परिसर से निदेशक डॉक्टर प्रताप सिंह एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे ।





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