सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दी 1जून तक अंतरिम जमानत 

कहा- केस पर बात नहीं करेंगे; 2 जून को सरेंडर करना होगा

नई दिल्ली,एजेंसी। जिस खबर को लोगों को ब्रसब्री से इंतजार था। वह शुक्रवार की दोपहर को आ गयी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (10 मई) को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा गया है। उनके चुनाव प्रचार पर कोई रोक नहीं होगी।। लेकिन वे केस से बारे में बात नहीं करेंगे।

 बता दें केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में 40 दिन से तिहाड़ जेल में बंद हैं। आज शाम तक वे जेल से बाहर आ सकते हैं। अदालत ने शुक्रवार को 2 बजे एक लाइन में फैसला सुनाया। कोर्ट का पूरा ऑर्डर अभी तक नहीं आया है। अंतरिम जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में 3 बातें कहीं है। पहली केजरीवाल शराब नीति केस पर बात नहीं कर सकेंगे।दूसरी चुनाव प्रचार कर सकेंगे। दो जून को सरेंडर करना होगा।

किस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी?

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, 'अगस्त 2022 में ED ने केस दर्ज किया। उन्हें मार्च (2024) में गिरफ्तार किया गया। 1.5 साल तक वे कहां थे? गिरफ्तारी बाद में या पहले हो सकती थी। 21 दिन इधर या उधर से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।'वही  अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत को फैसला आने के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यालय में जमकर जश्न बनाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के लोगो ं ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है। वही अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम का पूरा प्रयास इस बात का है कि आज शाम तक वह जेल से बाहर निकल आए। अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का काग्रेस व तूलमूल ने स्वागत किया है। 

 7 मई से पहले सुप्रीम कोर्ट में 4 बार सुनवाई हुई

3 मई को सुनवाई दो घंटे चली थी। इस लंबी बहस के बाद बेंच ने कहा था कि मेन केस यानी जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें। पूरी खबर पढ़ें

30 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे। ED से पूछा था कि चुनाव के पहले ऐसा क्यों किया?

29 अप्रैल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल से ED के नोटिस पर सवाल पूछे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजर अंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस देकर गिरफ्तारी पर जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान हलफनामे में ED ने कहा कि कई बार समन भेजे जाने के बावजूद उन्होंने एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया। ED ने यह भी कहा कि केजरीवाल को किसी दुर्भावना या दूसरे कारणों से गिरफ्तार नहीं किया गया है। उनकी गिरफ्तारी जांच का हिस्सा है।

केजरीवाल 21 मार्च को अरेस्ट हुए थे, तब से जेल में हैं

ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। कोर्ट ने 1 अप्रैल को उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।​​​​​​ तब वे जेल में हैं।

शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए। निचली अदालत और हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

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