संकल्प, संयम और अनवरत श्रम सफलता के सूत्र

- संजीव ठाकुर
किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सही योजना परिकल्पना तथा रणनीति अत्यंत आवश्यक है| अपने लक्ष्य के अनुसार अपनी क्षमता को दृष्टिगत रखते हुए व्यक्ति को अपनी प्राथमिकताएं सुनियोजित कर लेनी चाहिए, लक्ष्य प्राप्ति के लिए यह बहुत जरूरी है कि आपके पास उपलब्ध समय की गणना आवश्यक रूप से कर ले, अन्यथा अपने टारगेट से इधर उधर भटक सकते हैं, ऐसी स्थिति में मन को एकाग्र रखकर आत्मविश्वास को द्विगुणित कर के एकाग्रता को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करना एक महत्वपूर्ण कदम होगा, सर्वप्रथम आप अपनी क्षमता शक्ति एवं ऊर्जा को पहचानिए एवं लक्ष्य की तरफ एक एक सोपान धीरे धीरे बढ़ाते जाएं, लक्ष्य के स्वरूप और छोटा या बड़ा होने की मन में कल्पना न करें, लक्ष्य हमेशा लक्ष्य होता है छोटा बड़ा नहीं, इसके लिए बहुत ही ठंडे दिमाग से योजना बनाकर लक्ष्य की प्राप्ति के उपायों को मन ही मन तय करें एवं प्राथमिकता के आधार पर उसकी धीरे धीरे तैयारी करना शुरू करें।
सफलता के लिए अपने संसाधन सुनिश्चित करने के पश्चात एक सुनियोजित योजना बनाकर समय की प्रतिबद्धता के हिसाब से धीरे-धीरे आगे की ओर अपने कदम न सुनिश्चित करें| लक्ष्य प्राप्ति के लिए जो सबसे बड़ा शस्त्र है वह समय का सदुपयोग, क्योंकि हम सभी को मालूम है कि हमारे पास दिन में सिर्फ 24 घंटे ही उपलब्ध होते हैं, इसमें हमें दैनिक दिनचर्या शारीरिक एवं मानसिक शक्ति प्राप्त करने के लिए समय निकालने की आवश्यकता होगी, ऐसे में समय का समुचित उपयोग एक सफल नियोजन कर्ता की तरह किया जाना चाहिए, उपलब्ध समय में उचित समय पर उठना स्नान, ध्यान, भोजन एवं मानसिकता दृढ़ता के लिए समुचित नींद या निद्रा की अत्यंत आवश्यक होती है | किसी ने सच कहा है, मन के हारे हार है और मन के जीते जीत, यदि आपको जीवन में जीत या सफलता प्राप्त करनी है तो आप मानसिक दृढ़ता के साथ आप आत्मविश्वास से लवरेज यानी ओतप्रोत होने के लिए तैयार हो जाए, लक्ष्य छोटा हो या बड़ा घबराने की आवश्यकता नहीं है , क्योंकि मनुष्य का मस्तिष्क ही सोच के हिसाब से सफलता लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सक्षम होता है|
काम करने से पहले ही यदि आप आधे मन से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होंगे तो सफलता प्राप्त होने में संदेह ही नहीं सारी परिस्थितियां संदिग्ध हो जाती है| लक्ष्य की दूरहता या क्लिष्टता का पूर्वानुमान अपनी सफलता की तैयारी के पूर्व ही कर लिया जाना चाहिए और इन सब के लिए सुनियोजित रणनीति या कार्य योजना तैयार कर उस लक्ष्य की तरफ रुख किया जाना चाहिए|
अपनी प्राथमिकताओं में सर्व प्रथम स्थान नींद का होना चाहिए, सही वक्त पर पूरी नींद ही शरीर को चुस्त-दुरुस्त और सजग रखती है | अतः दिन में मानसिक तनाव से दूर रहने के लिए संपूर्ण 6 से 8 घंटे नींद ले लेनी चाहिए, जिससे मानसिक चुस्ती आने के साथ कार्य क्षमता में वृद्धि होती है, अन्यथा आपका किसी कार्य में समुचित मन लगना संदिग्ध होगा|, इसी तरह आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दिनचर्या के कार्यों को या तो अच्छे से याद कर ले या उसे कॉपी या डायरी में अच्छी तरह लिख कर रखें और रोज ही अपने लिखे हुए कार्यों को सुचारू रूप से संपादित करें अपने कार्य को प्राप्त करने के लिए होमवर्क किया जाना होगा।
सफलता प्राप्ति के लिए दिन के लक्ष्य को कागज पर उतार कर उससे जुड़ी हुई विषमताओं एवं चुनौतियां को लिखकर चुनौतियों के समाधान को भी अपने मस्तिष्क में स्थापित कर लेना चाहिए, जिससे यह आपको सुनिश्चित हो जाएगा कि आप लक्ष्य की कठिनाइयों को किस तरह दूर कर पाएंगे और इनका निदान किस तरह किया जा सकेगा। कई बार ऐसे अवसर आएंगे जब आपका आत्मविश्वास आपकी उर्जा एवं शक्ति डगमगाने लगेगी, ऐसे मौके या तो आपकी शारीरिक कमजोरी, मानसिक शिथिलता, सामाजिक, पारिवारिक परिस्थितियों एवं काल के कारण आपके सम्मुख आ सकती है।
इन परिस्थितियों में मनुष्य को लगने लगता है कि उनकी मेहनत और लक्ष्य अनायास व्यर्थ हो गई हैं|, बस ऐसे ही समय में आपको अपने मस्तिष्क मे से नकारात्मक विचारों और सोच को दूर रख कर मनन कर आत्मविश्वास के साथ दूर कर आगे की ओर अग्रसर होना है| यही समय है जब आपको अपने आप को संतुलित कर आगे की ओर ले जाना है, और सबसे अहम एवं महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि लक्ष्य प्राप्ति के दौरान आप नकारात्मक यानी कि नेगेटिव वातावरण एवं इस तरह की मानसिकता वाले व्यक्तियों से दूर रहकर मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा भरकर आत्मविश्वास से लबालब होना है।


इस तरह आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति की ओर पूरी ऊर्जा और सामर्थ्य के साथ प्राप्त करने के लिए अग्रसर होंगे, लक्ष्य प्राप्ति के साधनों तथा उससे जुड़े हुए समर्थ व्यक्तियों की तलाश में भी आपको सतत रहना होगा यदि आप प्रतियोगिता परीक्षा और उसकी सफलता के लिए प्रयासरत हैं तो ऐसे व्यक्तियों को सदैव बुद्धिमान एवं मेहनती अध्येता के साथ विचार विमर्श करना चाहिए एवं लाइब्रेरी या पुस्तक विक्रेताओं से सर्वश्रेष्ठ ज्ञानार्जन के लिए किताबों का संग्रह किया जाना चाहिए या किसी का अन्य लक्ष्य हो तो सदैव उसे समय की उपयोगिता तथा उसकी सार्थकता पर जरूर ध्यान केंद्रित कर सफल व्यक्तियों का अनुसरण किया जाना चाहिए तभी सफलता उनके कदम चूमेगी और सफलता का एक ही सूत्र एवं रहस्य है कि अपने मस्तिष्क की प्रबलता बनाए रखें जाने के साथ कड़ी मेहनत भी करें, तब जाकर सफलता व्यक्ति के कदम चूमती है|
(चिन्तक,लेखक, रायपुर, छत्तीसगढ़)

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