संस्कृत भाषा सभी भाषाओं के सौन्दर्य की वृद्धि में सहायक

मेरठ।बृहस्पतिवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित संस्कृत विभाग में भारतीय ज्ञान परम्परा की त्रिवेणी बही( जिसमें प्रो1विनोद कुमार शर्मा, विभागाध्यक्ष, ज्योतिष विभाग, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली, प्रो ललित गौड़, संस्कृत पाली प्राकृत विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र हरियाणा एवं प्रो भारतेन्दु पाण्डेय, संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्लीद्ध आदि विद्वानों ने संस्कृत विभाग के छात्र छात्राओं को अपने ज्ञान से अभिसिंचित किया।
            प्रो भारतेन्दु पाण्डेय ने काव्यशास्त्री तत्त्वों के आधार पर स्पष्ट किया कि संस्कृत भाषा सभी भाषाओं के सौन्दर्य की वृद्धि में सहायक है। प्रो ललित गौड़ ने वेदों के ज्ञान को आधुनिक युग में तर्कसंगत बताते हुए वेदों की उपादेयता को प्रतिपादित किया। प्रो.विनोद कुमार शर्मा ने ज्योतिष के मौलिक अर्थ प्रकाश को स्पष्ट करते हुए बताया कि ज्योतिषशास्त्र का जीवन के गुह्यतम रहस्यों को प्रकाशित करने के लिए किया जाता है इसके आलोक में भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त किया जा सकता है। ज्योतिष के एक विद्यार्थी डी पी श्रीवास्तव द्वारा लिखित ज्योतिष ज्ञान ;फलित के मूल सिद्धान्त पुस्तक का भी विमोचन हुआ।  संस्कृत विभाग के समन्वयक प्रो वाचस्पति मिश्र ने सबका धन्यवाद किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ देव यज्ञ से हुआ। कार्यक्रम में एन ए एस कॉलेज से डॉ संदीप कुमार डी पी बी एस कॉलेज अनूपशहर से लक्षमण सिंह, शादी लाल कॉलेज से डॉ सत्यवीर शर्मा एवं संस्कृत विभाग से डॉ राजबीर, डॉ संतोष कुमारी, डॉ नरेन्द्र कुमार, डॉ ओमपाल सिंह, डॉ विजय बहादुर, तुषार गोयल साहिल तरीका, अंकुर सिवाच, आकाश शर्मा, सुमित शर्मा, एवं विभाग के सभी विद्यार्थी उपस्थति रहे।

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