मोबाइल चार्जिग एक परिवार के लिए बना मौत का काल 

मोबाईल में हुए विस्फोट में घर में आग लगने से चार बच्चों की दर्दनाक मौत 

माॅ दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिदंगी और मौत से जुझ रही 

 मेरठ। थाना पल्लवपुरम थाना क्षेत्र में जनता कॉलानी में पकवान बनाते समय मोबाइल के चार्च करते समय विस्फोट होने से एक मकान में आग लगने से एक परिवार के आधा दर्जन लोग झुलस गये।जिसमें से चार बच्च्चों की दर्दनाक मौत हो गयी। जबकि बच्चों की मॅा को गंभीर अवस्था में पहले मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जहां पर उनकी हालत को देखते हुए दिल्ली रैफर किया गया है। जहां पर उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई।वही त्यौहार के समय हादसा होने से पूरेक्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। 



मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा गांव का रहने वाला जॉनी अपनी पत्नी बबीता और चारों बच्चों के साथ मेरठ की जनता कॉलोनी में पप्पू के मकान में किराए पर रहता है। जॉनी दिहाड़ी मजदूर है। होली के चलते जॉनी शनिवार को घर पर ही था।शनिवार की शाम को जॉनी, बबीता रसोई में होली के पकवान बना रहे थे। चारों बच्चे कमरे में बेड पर सो रहे थे। बेड का गद्दा फोम का था। चार्जिंग पर लगे दोनों मोबाइल गद्दे पर ही रखे थे। इसी दौरान शाम करीब 6:30 बजे चार्जर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। इसके बाद बिजली वायरिंग में भी आग लग गई। कमरे की वायरिंग से आग पर्दे तक पहुंच गई।पहले चार्जर में शॉर्ट सर्किट के कारण बिजली वायरिंग में आग लगी। इसके बाद गद्दे पर रखे दोनों मोबाइल में एक-एक करके धमाका हुआ। चारों बच्चे उसी गद्दे पर सोए हुए थे। धमाके के बाद सभी बच्चे आग में फंस गए। बच्चों को बचाने आए माता-पिता भी बुरी तरह से झुलस गए। आग इतनी तेज फैली की कोई बाहर नहीं निकल सका।नींद से जागे बच्चे कुछ समझ ही नहीं पाए। उनके शरीर पर फोम चिपके हुए थे और वह बुरी तरह से झुलस रहे थे। कुछ ही देर में कमरे में चींख-पुकार मच गई। ब्लास्ट की आवाज सुनकर माता-पिता भी वहां आए। बच्चों की बचाने की कोशिश में वह भी कमरे में घिर गए। आग की लपटों में किसी को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। पत्नी और बच्चों को बचाने दौड़ा पति भी आग की चपेट में आ गया। सभी घायलों को पहले एम्बुलेंस से फ्यूचर प्लस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से डॉक्टरों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।पुलिस के मुताबिक, मृतकों में कल्लू (5 साल), गोलू (7 साल), निहारिका (9 साल) और सारिका (12 साल) हैं। जबकि इनके पिता जॉनी मेरठ मेडिकल कॉलेज में और मां बबिता दिल्ली एम्स में वेंटिलेटर पर हैं।बेटी निहारिका और बेटे गोलू की बीती रात 2 बजे मौत हुई। बड़ी बहन सारिका की सुबह 4 बजे और सुबह 10 बजे सबसे छोटे बेटे कल्लू ने भी दम तोड़ दिया। सभी का मेडिकल अस्पताल में इलाज चल रहा था।

गुझिया बना रहे थे पति-पत्नी  जिस वक्त हुआ हादसा 

गुझिया बना रहे थे पति-पत्नी जिस वक्त आग लगी उस समय पति जॉनी, पत्नी बबिता के साथ रसोई में गुझिया बना रहे थे। घायल बबिता ने बताया कि तभी रसोई में काम करते वक्त अचानक तेज धमाके की आवाज आई। लगा कोई भारी चीज गिरी है या सिलेंडर फट गया। हम दोनों फौरन बच्चों को बचाने कमरे में भागे। देखा वहां धुआं उठ रहा था। आग लगी थी। बच्चे आग में फंसे थे।

बचने के लिए  जलते हुए बच्चे पानी भरे ड्रम में कूदे

पड़ोसियों ने बताया कि आग लगने के बाद बच्चों ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। धमाके और बच्चों का शोर सुनकर आस-पड़ोस के लोग वहां पहुंचे। इतने में 2 बच्चे दरवाजा खोलकर जलते हुए बाहर भाग कर आए। दरवाजे पर ड्रम में पानी भरा था। बच्चे उसी में कूद गए। उनके शरीर पर कपड़े जल गए थे। स्किन की एक लेयर भी जल गई थी। बच्चों को पड़ोसियों ने कपड़े पहनाए और आनन-फानन में अस्पताल लेकर गए।

70% बच्चे झुलस गए थे

पड़ोसियों ने किसी तरह आग पर काबू पाने की कोशिश की। पल्लवपुरम पुलिस को मामले की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर रूप से झुलसे बच्चों और उनके मां-पिता को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। आग के कारण घर का सामान भी जलकर राख हो गया।

पल्लवपुरम थाना प्रभारी मुन्नेश सिंह ने बताया कि शॉर्ट सर्किट होने से आग लगी। डॉक्टर के मुताबिक, बच्चे लगभग 70% झुलस चुके थे, जिसमें चारोे बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि महिला की हालत को गंभीर देखते हुए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां पर उनकी हालत गंभीर बतायी जा रही है। 




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