हीमोफीलिया बीमारी से ग्रस्त मरीजों को निशुल्क इंजेक्शन किए वितरित
मेरठ। शुक्रवार को आई ड्रीम टू ट्रस्ट संस्था द्वारा इंटास फाउंडेशन के सहयोग से बच्चा पार्क स्थित आई.एम. ए. सभागार में हीमोफीलिया बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए नि: शुल्क फैक्टर 8 व 9 (इंजेक्शन) का वितरण और इन्हिबिटर स्क्रीन जाँच का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथि आचार्य संजय कुमार (मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय), डॉ, योगिता (नोडल अधिकारी, हीमोफीलिया, एल. एल. आर. एम कॉलेज) व डॉ. नवरत्न गुप्ता (सहायक नोडल अधिकारी, हीमोफीलिया, एल. एल. आर एम कॉलेज) और इंटास फाउंडेशन की ओर से सुश्री ग्रेसी (भारतीय हिमोफिलिया समन्वयक) उपस्थित रहे।
आई ड्रीम टू ट्रस्ट संस्था के संस्थापक राजन चौधरी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए हीमोफीलिया से होने वाली समस्या और भेदभाव पर प्रकाश डाला। आचार्य संजय कुमार ने मरीजों को दर्द के दौरान आने वाले नकारात्मक विचार को सकारात्मक विचार में साहस के माध्यम से परिवर्तित हेतु विचार रखे। डॉ० योगिता ने हीमोफीलिया के बारे में विस्तार से बताया कि यह एक आनुवांशिक रक्त विकार है जो व्यक्ति के रक्त का थक्का बनने की क्षमता को प्रभावित करता है।
डॉ. नवरत्न गुप्ता ने हीमोफीलिया के लक्षण के बारे में बताया कि इसके लक्षण घुटने, कोहनी और टखने का स्वत: या मामूली चोट लगने पर सूजन आना, तेज दर्द के साथ सम्बन्धित जोड़ की चलन क्षमता प्रभावित होना और हल्की चोट में भी रक्त का लगातार बहना है। उन्होंने सभी मरीजों को आश्वासन दिया कि वह एल. एल. आर. एम कॉलेज के प्राचार्य से अनुरोध कर प्रत्येक मंगलवार को हीमोफिलिया मरीजों के लिए ओ. पी. डी की शुरुआत कराएंगे। सुश्री ग्रेसी ने आई ड्रीम टू ट्रस्ट संस्था द्वारा हीमोफिलिया व थैलेसीमिया मरीजों के लिए किये जा रहे अतुल्य प्रयास की सराहना करते हुए इंटास फाउंडेशन की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में लगभग 60 मरीजों को फैक्टर 8 व 9 (इंजेक्शन) लगाए गए व 15 मरीजों ने इन्हिबिटर स्क्रीन जाँच कराई और मरीज निखिल, विक्रम, रोहित कुमार और रितु (एक किशोर की माता) ने इस बीमारी से अपने संघर्ष को साझा किया। कार्यक्रम का पूर्ण संचालन नेहरू युवा केंद्र के जिला सलाहकार समिति युवा कार्यक्रम के सदस्य प्रिंस अग्रवाल ने करते हुए हीमोफीलिया बीमारी को जंग और मरीजों को योद्धा बताया। इस अवसर पर आई ड्रीम टू ट्रस्ट संस्था से अभिषेक, शुभम, रोहित, अमर व प्रिया, एल० एल० आर० एम० कॉलेज से डॉ० अनुपम, डॉ० ऋषि, डॉ० ईवा, सुश्री संध्या व नेहा गिरि, इंटास फाउंडेशन से सुश्री उँजिला व अभिषेक और बूंद फाउंडेशन ऑफ इंडिया ट्रस्ट के संस्थापक रवि कुमार का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहा।
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