पूर्व प्रधानमंत्री चौ चरण सिंह को भारत रत्न देकर हमारी जुबान बंद कर दी - त्रिलोक त्यागी
मेरठ पहुंचे राष्ट्रीय महासचिव मीडिया से हुए मुखातिब
मेरठ।लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही रालोद के नेता अब उसी भाजपा और उसके नेताओं की जयकार कर रहे हैं। इसके खिलाफ पहले पार्टी नेता और खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी तीखे बयान दिया करते हैं। रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी का कहना है कि जब भाजपाई चौधरी साहब की जय कर सकते हैं तो नरेंद्र मोदी की जय हमें भी बोलना चाहिए। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चौ. चरण सिंह को भारत रत्न देकर हमारी जुबान को बंद कर दिया है।
पार्टी कार्यालय पर उन्होंने कहा कि मोदी ने वो काम किया है जो मनमोहन सिंह 10 सालों में नहीं कर पाए। बागपत में रालोद की महिला विंग की जिलाध्यक्ष रेनु तोमर के इस्तीफे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब भाजपा के लोग जयंत चौधरी के नाम का नारा लगा सकते हैं तो रालोद के लोग नरेंद्र मोदी के नाम का नारा क्यों नहीं लगा सकते। अब रालोद एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। यह तय है कि अब सहारनपुर से मेरठ, मुरादाबाद तक कहीं किसी भी सीट पर कोई चुनाव बचा ही नहीं है। महासचिव ने एनडीए की जीत की पक्की घोषणा भी कर दी।
त्रिलोक त्यागी ने कहा कि हम एनडीए में तब गए हैं, जब चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिल गया। कहा कि मनमोहन सिंह ने चौधरी चरण सिंह के अंडर में काम किया। जब वो वित्त मंत्री थे, तब मनमोहन सिंह उनके वित्त सचिव थे। उनकी लगातार तारीफें करते थे। तो जब मनमोहन सिंह 10 साल पीएम रहे तो उन्होंने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? चौधरी अजीत सिंह ने मनमोहन सिंह पर दबाव बनाकर उनसे लखनऊ एयरपोर्ट का नाम चौधरी चरण सिंह कराया।
सीबीआई व ईडी पर बाेलते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है।जब यूपीए की सरकार थी तो क्या सीबीआई, ईडी की रेड नहीं होती थी। रेड तो कांग्रेस के जमाने में भी हुई हैं। मैं ऐसी 20 रेड गिना सकता हूं, जो कांग्रेस के जमाने में हुई हैं। लोकसभा चुनाव पर कहा कि हमारे नेता मिलकर भाजपा के साथ समन्वय बैठक करेंगे और चुनाव जीतने की रणनीति बनाएंगे।
त्रिलोक त्यागी ने कहा- जयंत कहते हैं कि मोदी में मुझे चौधरी चरण सिंह नजर आ रहे हैं। भाजपा ने उनको भारत रत्न देकर हमारी जुबान बंद कर दी है। भारत रत्न देकर भाजपा ने हमें अपने साथ ले लिया है। विपक्षी एकता गठबंधन में हमें कुछ सीटें नहीं मिल रही थीं, जिसके बाद हमें यह नया कदम उठाना पड़ा।
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