वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति, दर्शन ,ज्ञान और आध्यात्मिकता के सकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि परिसर स्थित सर छोटू राम अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में  कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला  के मार्गदर्शन में "इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी में भारतीय ज्ञान प्रणाली"   विषय पर बृहस्पति भवन सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ विवि के अकादमिक निदेशक प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा तथा संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नीरज सिंघल तथा अतिथियों द्वारा  किया गया। प्रोफेसर नीरज सिंघल ने डीन टेक्नोलॉजी प्रोफेसर संजय भारद्वाज तथा प्रोफेसर इंचार्ज SCRIET प्रोफेसर अनिल मलिक सहित अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत मे एवं धन्यवाद ज्ञापित किया । मुख्य वक्ताओं में प्रोफेसर मनोहर शिंदे (संयुक्त राज्य अमेरिका, UCLA), प्रोफेसर शुभ गुप्ता (जेएनयू दिल्ली), प्रोफेसर पी.के. सतुलुरी (आईआईटी रुड़की) शामिल थे। 

वक्ताओं ने वर्तमान समय में खासकर इंजीनियरिंग एवं तकनीकी के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली को अकादमिक रूप देने से वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति, दर्शन ,ज्ञान और आध्यात्मिकता के सकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं, साथ ही इंजीनियरिंग व विज्ञान के छात्रों को भारतीय ज्ञान प्रणाली से इस प्रकार जोड़े जाने की वकालत की ताकि आधुनिक युग में वें इससे जुड़ाव महसूस कर गंभीरता को समझते हुए इस दिशा में खोज इत्यादि करें। कार्यक्रम का संयोजक डॉ. गौरव त्यागी, सह-संयोजक डॉ. दिव्या शर्मा, मानव बंसल और अन्य सदस्य डॉ. शिवम गोयल, इंजीनियर अर्पित छाबड़ा, इंजीनियर प्रवीण कुमार, इंजीनियर नीलम, डॉ केपी सिंह और तकनीकी कर्मचारी हरि गोपाल, मिसेज कंचन वर्मा, श्री जी.पी. पांडेय के साथ थे। छात्र प्रतिनिधि खुशी त्यागी, सात्विका पंवार, पीयूष भारद्वाज, आश्वी चौधरी, अवशेष भारतीय, सौरभ सरोज ने भी कार्यक्रम में सक्रिय भाग लिया।

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