सुरक्षित हो रेल यात्रा
इलमा अजीम 
देश का राजनीतिक परिदृश्य आम चुनाव के रंग में रंगता नजर आ रहा है। लगातार नई योजनाओं के शिलान्यास, घोषणाएं और उद्घाटन उसकी बानगी है। सोमवार को प्रधानमंत्री द्वारा दो हजार रेलवे ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास सुखद ही कहा जाना चाहिए। उन्होंने देश में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इकतालीस हजार करोड़ रुपये से अधिक की करीब दो हजार परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। देश की बढ़ती आबादी की जरूरतों तथा स्टेशनों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता के चलते यह आवश्यक हो गया है कि रेलवे स्टेशनों को सुविधाजनक बनाया जाए। यह एक हकीकत है कि दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क्स में शुमार होने के बावजूद न तो रेल सेवा की गुणवत्ता बन पायी और न ही आर्थिक रूप से रेलवे मजबूत बन पाया। आज देश में सामान्य रेल यात्रा को पूरी तरह सुविधाजनक व सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है। आये दिन रेल दुर्घटनाएं और मानवीय चूक की खबरें सामने आती रहती हैं। चालक और स्टाफ को अधिक सतर्क व जवाबदेह बनाने की जरूरत है। वहीं रेलवे की पटरियों के रखरखाव के साथ ही रेलवे स्टाफ को इसके परिचालन में अतिरिक्त सावधानी की दरकार है। रेल परिचालन में एक छोटी चूक सैकड़ों लोगों के जीवन पर संकट उत्पन्न कर सकती है। देश की दीर्घकालीन जरूरतों और बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं के अनुरूप रेलवे के ढांचे में व्यापक परिवर्तनों की जरूरत है।

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