विनोद कुमार शुक्ल और एम टी वासुदेवन नायर को दिया जाएगा आकाशदीप सम्मान


मेरठ : लेखन और जीवन के समग्र अवदान के लिए इस वर्ष अमर उजाला का सर्वोच्च शब्द   सम्मान आकाशदीप -हिंदी में प्रख्यात रचनाकार विनोद कुमार शुक्ल और हिंदीतर भाषाओं में मलयालम के विख्यात लेखक फिल्म निर्देशक एम टी वासुदेवन नायर को दिया जाएगा। 9 अगस्त 1933 को केरल  में जन्मे एम टी वासुदेवन नायर को मलयालम के आधुनिक  कला-साहित्य में में अप्रतिम योगदान के लिए चुना गया है और 1 जनवरी 1937 को राजनाँदगाँव में जन्मे विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी लेखन क्षेत्र में अद्वितीय अवदान के  लिए यह सम्मान अर्पित होगा आकाशदीप के अंतर्गत हिंदी के साथ अब तक कन्नड़, मराठी, बांग्ला तथा उड़िया को लिया जा चुका है इस वर्ष मलयालम को चुना गया है। हिन्दीतर भारतीय भाषाओं में गिरीश कर्नाड, भालचंद्र नेमाड़े , शंख घोष और प्रतिभा राय के साथ हिंदी में नामवर सिंह, ज्ञानरंजन, विश्वनाथ त्रिपाठी और शेखर जोशी आकाशदीप से अलंकृत हो चुके हैं.
अमर उजाला के समूह सलाहकार और शब्द सम्मान के संयोजक यशवंत व्यास ने बताया कि भारतीय भाषाओं के सामूहिक स्वप्न की पृष्ठभूमि में अमर उजाला फाउंडेशन ने 2018 में शब्द सम्मान की स्थापना की थी सर्वोच्च आकाशदीप अलंकरण हिंदी और अन्य भारतीय भाषा के एक एक साहित्य मनीषी को अर्पित किया जाता है। अलंकरण में पांच पांच लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक के रूप में गंगा प्रतिमा सम्मिलित हैं। इसके साथ ही वर्ष की श्रेष्ठ कृतियों को  भी सम्मानित किया जाता है  जिसमें भाषाओं के बीच सहभागिता को रेखांकित करने  के लिए अनुवाद का भाषाबंधु सम्मान भी सम्मिलित है।
कुमार अम्बुज, मनोज रूपड़ा, दलपत सिंह राजपुरोहित, चिन्मयी त्रिपाठी और मालिनी गौतम को श्रेष्ठ कृति सम्मान अमरउजाला शब्द सम्मान-23  तहत वर्ष 2022 में प्रकाशित  श्रेष्ठ हिंदी कृतियों के लिए शब्द सम्मान की भी घोषणा कर दी गई है। छाप श्रेणी में कविता वर्ग में कुमार अम्बुज के संग्रह उपशीर्षक को श्रेष्ठ कृति के रूप में चुना गया है कथा वर्ग में मनोज रूपड़ा  के कहानी संग्रह दहन तथा कथेतर वर्ग में दलपतसिंह राजपुरोहित की कृति सुन्दर के स्वप्न को वर्ष की श्रेष्ठ कृति का सम्मान दिया जायेगा। किसी भी रचनाकार की पहली किताब वाला थाप चिन्मयी त्रिपाठी की कृति अपनी कही को मिलेगा। भारतीय भाषाओं में अनुवाद का भाषा-बंधु सम्मान गुजराती दलित कविता के हिंदी अनुवाद के लिए मालिनी गौतम को प्रदान किया जाएगा। इन सम्मानों में एक-एक लाख रुपये की राशि प्रशस्ति पत्र और प्रतीक के रूप में गंगा प्रतिमा सम्मिलित हैं।
प्रख्यात कवि नरेश सक्सेना, जानी-मानी कथाकार चित्र मुद्गल, विख्यात रचनाकार शाजी जमां, प्रख्यात लेखक अलोक भल्ला एवं ख्यात कवि अष्टभुजा शक्ल, के उच्चस्तरीय निर्णायक मंडल ने इन कृतियों को अपनी कसौटी पर परखा है। अमर उजाला शब्द सम्मान शीघ्र  ही  समारोह में अर्पित किए जाएंगे।
हम अनुभवों को इस तरह इकठ्ठा करते हैं जैसे बच्चे अपनी जेबों में सुन्दर पत्थरों को भर लिया करते हैं, यही समय होने पर लेखन में जीवित हो जाते हैं. -एम टी वासुदेवन नायर  
मैं भाषा नहीं बिम्बों में सोचता हूँ. लिखना एक असमाप्त कर्म है और इसे मैं एक जिम्मेदारी मानता  हूँ. -विनोद कुमार शुक्ल  

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