आरबीआई ने यूपीआई से भुगतान की सीमा बढ़ाई
अस्पतालों व शैक्षणिक संस्थानों में अब पांच लाख रुपये तक कर सकेंगे भुगतान
नई दिल्ली (एजेंसी)।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यूपीआई भुगतान सीमा को मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दिसंबर की द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन की विभिन्न श्रेणियों की सीमा की समय-समय पर समीक्षा की गई है। उन्होंने कहा, 'अब अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों को भुगतान के लिए यूपीआई लेनदेन की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति लेनदेन करने का प्रस्ताव किया गया है।'
बढ़ी हुई सीमा से उपभोक्ताओं को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल उद्देश्यों के लिए उच्च राशि का यूपीआई भुगतान करने में मदद करेगी। उन्होंने आगे कहा कि आवर्ती प्रकृति के भुगतान करने के लिए ई-मैंडेट ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हो गए हैं।
गवर्नर ने कहा, 'म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, इंश्योरेंस प्रीमियम सब्सक्रिप्शन और क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट के आवर्ती भुगतान के लिए अब इस सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति लेनदेन करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि इस कदम से ई-मैंडेट के उपयोग में और तेजी आएगी। एक अन्य घटनाक्रम में रिजर्व बैंक ने फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में विकास की बेहतर समझ और इस क्षेत्र का समर्थन करने के लिए 'फिनटेक रिपॉजिटरी' स्थापित करने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा, 'रिजर्व बैंक इनोवेशन हब अप्रैल 2024 या उससे पहले इसका परिचालन शुरू कर देगा। फिनटेक को इस रिपॉजिटरी को स्वेच्छा से प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।


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