सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान :

अब तक 94 टीबी रोगी खोजे गए, 5 दिसंबर तक चलेगा अभियान 

 

तीन लाख से अधिक की हुई स्क्रीनिंग 

- 5212 लक्षण युक्त रोगी खोजे गए 

7259 के बलगम के नमूने लिए गए

 

गाजियाबाद, 29 नवंबर, 2023सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान के अंतर्गत अब तक जिले में 94 क्षय रोगी खोजे जा चुके हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया - इनमें से 68 रोगी स्पुटम (बलगम का नमूना) जांच और 26 रोगी क्लीनिकल डायग्नोसिस से खोजे गए हैं। उन्होंने बुधवार को बताया - 23 नवंबर से शुरू हुए एसीएफ के दौरान अब तक करीब 3.23 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। स्क्रीनिंग में कुल 5212 लोगों में टीबी से मिलते-जुलते लक्षण पाए गएहालांकि एसीएफ के दौरान अब तक कुल 7259 व्यक्तियों की स्पुटम (बलगम) के नमूने  लिए गए हैं। एसीएफ पांच दिसंबर तक चलेगा।

सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया - एसीएफ के दौरान इतनी संख्या में क्षय रोगी मिलने का मतलब है कि समुदाय में टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ी है और लोग टीबी की जांच कराने के लिए आगे आ रहे हैं। कम समय में अधिक क्षय रो‌गियों को खोजकर उपचार पर लाने से ही टीबी संक्रमण की चेन टूटेगी। डा. शंखधर ने कहा - फेफड़ों की टीबी एक संक्रामक रोग है जो सांस के जरिए फैलता है। रोगी की पहचान होने तक वह अपने संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को संक्रमण दे सकता हैजबकि उपचार शुरू होने के दो माह बाद रोगी से अन्य लोगों को संक्रमित होने खतरा नहीं रहता है। इसलिए विभाग एसीएफ चलाकर एक साथ अधिक से अधिक रोगियों को उपचार पर लाने का प्रयास करता है। 

सीएमओ ने जनपद वासियों से अपील की है - “ दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखारखांसते समय बलगम या खून आनाथकानसीने में दर्दवजन कम होना और रात में सोते समय पसीना आनाटीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई भी लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जांच कराएं। एसीएफ टीम घर पर पहुंचे तो उसे सही जानकारी उपलब्ध कराकर मदद करें और टीम के कहने पर स्पुटम जांच के लिए अवश्य दें।

 

राजकीय सलाहकार डा. बलिगा ने मुरादनगर क्षेत्र का दौरा किया

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के राजकीय सलाहकार डॉ. दिनेश बलिगा सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान और विकसित भारत संकल्प यात्रा का पर्यवेक्षण करने के लिए जनपद गाजियाबाद में प्रवास कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने मुरादनगर क्षेत्र का दौरा कर एसीएफ का जायजा लिया। घर-घर जाकर क्षय रोगियों को खोज रही एसीएफ टीम के कार्य करने का तरीका देखा। वह एसीएफ से काफी संतुष्ट नजर आए। डा. बलिगा ने मुरादनगर के प्रसिद्ध हकीम और फिदाई यूनानी शिफाखाना (अस्पताल) चलाने वाले डा. मोहम्मद शाने आलम के साथ बैठक की। इस मौके पर आसपास की तीन मस्जिदों के इमाम भी मौजूद रहे। डा. बलिगा ने बैठक में अपील की - “ आप लोगों के सहयोग से पोलियो की तरह टीबी को भी खत्म करना है। आप लोग रोजाना मस्जिद से टीबी के लक्षण और उपचार के बारे में जानकारी का ऐलान कराएं। सभी के सहयोग से टीबी मुक्त भारत का संकल्प पूरा होगा।” हकीम डा. मोहम्मद शाने आलम ने उनके पास आने वाले रोगियों की टीबी जांच और नोटिफिकेशन कराने का आश्वासन दिया है। बैठक में मौजूद इमामों ने भी पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक संजय यादव ने इस मौके पर स्थानीय टीबी यूनिट के कर्मचारियों की हकीम साहब और इमामों से मुलाकात करवाई और साथ ही हर 15 दिन में शफाखाना पहुंचकर मिलते रहने की बात कही।  

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