टीबी रोगियों को खोजने को 23 नवम्बर से चलेगा अभियान 

अनाथालय वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट भट्ठों, स्टोन क्रेशर, साप्ताहिक बाजारों में भी चलेगा टीबी रोगी खोज अभियान

नोएडा, 7 नवम्बर 2023। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अन्तर्गत 23 नवम्बर से घर-घर टीबी रोगी खोजे जाएंगे। एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) नाम से चलने वाले इस अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संभावित क्षय रोग से ग्रसित व्यक्तियों का चिन्हित कर उन्हें नियमानुसार जांच एवं उपचार उपलब्ध कराया जायेगा। यह अभियान पांच दिसम्बर तक चलेगा।

यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने बताया- अनाथालय वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, सब्जी मंडी, फल मंडी, लेबर मार्केट, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, ईंट भट्ठों, स्टोन क्रेशर, साप्ताहिक बाजारों में भी अभियान चलाया जाएगा। 

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आर.पी. सिंह ने बताया- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उ.प्र. की मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवल ने एसीएफ अभियान चलाये जाने के संबंध में प्रदेश के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर दिशा निर्देश जारी किये हैं। मिशन निदेशक के अनुसार जनपद की कुल जनसंख्या की 20 प्रतिशत आबादी को एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के अंतर्गत आच्छादित किया जाना है। संभावित टीबी मरीजों को खोज कर उनकी जांच एवं उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने बताया-अभियान के सफल संचालन के लिए जनपद की 20 प्रतिशत जनसंख्या (शहरी एवं ग्रामीण बस्ती एवं हाई रिस्क क्षेत्र) के लिए माइक्रो प्लान तैयार कर घर-घर स्क्रीनिंग की जाएगी। सीनियर ट्रीटमेंट लैब सुपरवाइजर व लैब टेक्नीशियन (एसटीएलएस / एलटी) द्वारा स्पूटम (बलगम) की जांच एनटीईपी दिशा निर्देशानुसार माइक्रोस्कोपी/ नॉट/सीबीनॉट से कराई जानी है। पॉजिटिव क्षय रोगी की ब्लड शुगर, यूनिवर्सल ड्रग ससेप्टिबिलिटी टेस्ट (यूडीएसटी) एवं एचआईवी की जांच कर निक्षय पोर्टल पर डाटा अपडेट किया जायेगा। पॉजिटिव मरीज को 48 घंटे केभीतर संबंधित सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस), टीबी होम विजिटर (टीबीएचवी) उपचार शुरू कराते हुए निक्षय पोषण योजना से लिंक करेंगे। जिला क्षय रोग अधिकारी अभियान के अन्तर्गत खोजे गये संभावित क्षय रोगियों का पर्यवेक्षण/समीक्षा एवं मूल्यांकन करेंगे।

पीपीएम कोऑर्डिनेटर पवन भाटी ने बताया- जनपद में 8112 मरीज उपचाराधीन हैं। इनमें 6525 मरीजों ने गोद लिये जाने की सहमति प्रदान की है। 6391 मरीजों को उनकी सहमति से विभिन्न औद्योगिक संस्थानों, स्वयंसेवी संस्थाओं ने गोद लिया हुआ है, शेष को गोद देने की प्रक्रिया चल रही है। गोद लिये गये मरीजों को यह संस्थाएं हर महीने पोषाहार और भावनात्मक- सामाजिक सहयोग प्रदान करती हैं, ताकि मरीज जल्दी बीमारी से ठीक होकर सामान्य जीवन जी सकें।

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