प्रतियोगिता सीखने व मनोबल बढ़ाने की एक प्रक्रिया है : प्रोफेसर संगीता शुक्ला
प्रत्येक छात्र को प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए
प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद स्वयं का करें मूल्यांकन
मेरठ। प्रतियोगिता सीखने व मनोबल बढ़ाने की एक प्रक्रिया है प्रत्येक छात्र को प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए प्रतियोगिता में भाग लेने से स्वयं का मूल्यांकन भी होता है प्रतियोगिता समाप्त होने के पश्चात हम सभी को अपना मूल्यांकन करना चाहिए। मूल्यांकन करने से हमें यह पता चलता है कि हम कहां पर कमजोर हैं और कहां पर मजबूत है यह बात दीक्षा उत्सव के तहत साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद द्वारा आयोजित अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण के दौरान चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कही।
प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि प्रतियोगिता में जीत और हार महत्वपूर्ण नहीं है अपितु उसमे भाग लेना बड़ी बात है। इसीलिए किसी को भी प्रतियोगिता में हार के पश्चात निराश नहीं होना चाहिए। अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता में आए इतने सारे छात्र यह प्रतीत करते हैं कि उनमें प्रतिभा की कमी नहीं है यह अच्छी बात है कि इस दिक्षों उत्सव के तहत आयोजित प्रतियोगिता में इतने सारे महाविद्यालय का प्रतिनिधित्व हुआ है। इस दौरान छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला द्वारा प्रतियोगिता में विजय छात्रों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर विग्नेश कुमार त्यागी समन्वयक प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता प्रोफेसर आराधना गुप्ता प्रोफेसर दिनेश कुमार प्रोफेसर कृष्णकांत शर्मा, डॉ विवेक त्यागी डॉक्टर नीरज सिंघल डॉ धर्मेंद्र कुमार इंजीनियर प्रवीण पवार डॉक्टर नेहा गर्ग डॉ पूजा चौहान अमरपाल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की समन्वयक प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता ने किया।
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