पैर की नस में जमा खून के थक्को को दिल मे जाने से रोकने के लिए इनफिरियर वेना कावा में फिल्टर लगाया गया 

 मेरठ। मेडिकल कालेज के हृदय रोग विभाग में पहली बार पैर की नस में जमा खून के थक्को को दिल मे जाने से रोकने के लिए इनफिरियर वेना कावा में फिल्टर लगाया गया।यह मेडिकल कॉलेज मेरठ तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला केस है।

 डा धीरज सोनी सह आचार्य एवम विभागाध्यक्ष हृदयरोग विभाग ने बताया कि अमर शर्मा निवासी मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश के बाए पैर मे कुछ महीनों से खून के थक्के जम गए थे और उनके पैर मे दर्द भी था। कलर डॉपलर रिपोर्ट में पाया गया कि थक्के जिन्हें हम क्लॉट्स भी कहते है वे बाए पैर की मुख्य शिरा कॉमन इलियक वेन तक पहुंच गए थे। इस तरह के थक्के टूट कर दिल मे जा सकते है और मरीज को बड़ा हार्ट अटैक आ सकता है और पल्मोनरी इंबोलिज्म से मरीज मर भी सकता है। मरीज को इनफिरियर वेना कावा फिल्टर के बारे मे समझाया गया जो की क्लॉट्स को दिल में जाने से रोकते हैं। 

 मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि मेडिकल कालेज का हृदय रोग विभाग नित नए किर्तिमान स्थपित कर रहा है। मरीज के तैयार होने पर उसे एडमिट कर इनफिरियर वेना कावा में सफलता पूर्वक फिल्टर लगाया गया। फिल्टर लगने के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक है। मेडिकल कालेज की ओपीडी में काफी मरीज इस बीमारी को लेकर आते हैं और कुछ तो इमरजेंसी में पल्मोनरी एंबोलिज्म से ग्रसित आते हैं जिनको बचाना मुश्किल होता है।इनफिरियर वेना कावा फिल्टर लगा कर ऐसे मरीजों की जान बचाई जा सकती हैं। यह मेडिकल कॉलेज मेरठ तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला केस है।

प्रधानाचार्य डा आर सी गुप्ता ने डा धीरज सोनी को बीना चीरा लगाये सफल ऑपरेशन करने के लिए बधाई दी। डा गुप्ता ने यह भी बताया कि हृदय रोग विभाग मेडिकल कॉलेज मेरठ में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, स्टंट, रोटा एब्लेशन, महाधमनी संकुचन, इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी, रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन विधि द्वारा बिना चीरा लगाये आपरेशन की सुविधा उपलब्ध है। मैं आम जनमानस से अपील करता हूं कि वो हृदय रोग विभाग मेडिकल कॉलेज मेरठ में सम्पर्क कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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