सैम्स ने टीबी के 30 मरीजों को प्रदान की पोषण पोटली
नोएडा, 31 अक्टूबर 2023। स्ट्रैटजिक अलाएंस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की सामाजिक शाखा सैम्स फाउंडेशन ने मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सभागार में सीएमओ डा. सुनील शर्मा की उपस्थिति में क्षय रोग (टीबी) से ग्रसित 30 रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की।
सीएमओ डा. सुनील शर्मा ने क्षय रोगियों से कहा कि उन्हें जो पोषण पोटली मिली है, उसमें पौष्टिक आहार है। इसका सेवन जरूर करें। यह उन्हें टीबी से जल्दी ठीक होने में मदद करेगा। उन्होंने क्षय रोगियों को गोद लेकर पोषण पोटली प्रदान करने के लिए सैम्स फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर जिला रोग अधिकारी डा. आर.पी. सिंह ने कहा- क्षय रोग लाइलाज नहीं है। समय से जांच और इलाज होने पर मरीज़ जल्दी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, बुखार हो, बलगम में खून आ रहा हो, उसका वजन कम हो रहा हो तो देर न करें। अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और उचित इलाज कराएं, जिससे टीबी को हराया जा सके। उन्होंने कहा- क्षय रोगियों को गोद लेने से उन्हें पौष्टिक आहार तो मिलता है साथ ही सामाजिक और भावनात्मक सहयोग भी मिलता है, जो उन्हें बीमारी से जल्दी ठीक होने में मदद करता है।
डा. सिंह ने कहा- टीबी के मरीज को किसी भी हालत में उपचार बीच में नहीं छोड़ना है। अधिकतर मामलों में छह माह तक नियमित दवा खाने पर टीबी ठीक हो जाती है, लेकिन फिर भी जांच के बाद चिकित्सक की राय के बिना दवा न छोड़ें। उन्होंने मरीजों से कहा-वह अपने नजदीकी संपर्क वालों की भी टीबी जांच जरूर कराएं। समय पर जांच होने और उपचार शुरू होने से टीबी को फैलने से रोका जा सकता है।
सैम्स फाउंडेशन के संजय रस्तोगी ने कहा पोषण पोटली में उच्च प्रोटीन युक्त सामग्री- खिचड़ी, सोयाबीन, चना, चने की दाल, प्रोटीन-विटामिन युक्त आहार हैं। इसका सेवन टीबी मरीज खुद करें, इसकी उनको ही जरूरत है। उन्होंने कहा गोद लिये गये मरीजों को बीमारी ठीक होने तक नियमित पोषाहार उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यक्रम में लल्लन यादव, रविन्द्र राठी, पवन भाटी, ब्रजेश मावी, कमल आर्य, योगेश सहित जिला क्षय रोग इकाई का स्टाफ उपस्थित रहा।
लाभार्थी सभी क्षय रोगी पोषण पोटली पाकर खुश नजर आये। इन मरीजों में बच्चे भी शामिल हैं। 36 वर्षीय सुमन (बदला हुआ नाम) ने कहा- दो महीने से वह टीबी का उपचार करवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिल रही दवा का नियमित सेवन कर रहे हैं। अब जो पोषण सामग्री मिली है, उसका सेवन करेंगे और जल्दी ही बीमारी से ठीक होंगे और फिर अन्य लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करेंगे।
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