21 अक्टूबर के इतिहास से सभी को रूबरू कराना जरूरी - मेजर जनरल डॉ. राजन कोचर
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु की सच्चाई को उजागर करने हेतु प्रयास किये जाए - डॉ.अतुल कृष्ण
आजाद हिन्द फौज के ध्वज को 12 जाट रेजीमेंट, एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड एवं पूर्व सैनिकों ने सलामी देकर सुभारती विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया अखण्ड भारत का स्वतंत्रता दिवस
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में अखण्ड भारत का स्वतन्त्रता दिवस हर्षाल्लास के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय परिसर में हर ओर जोश जज़्बा व देशभक्ति का जुनून नज़र आया। प्रातः 08ः15 बजे विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों ने प्रभात फेरी निकाल कर आजाद हिन्द के नायकों के पराक्रम का उद्घोष किया।
मांगल्या प्रेक्षागृह परिसर में प्रातः 10 बजे मुख्य अतिथि मेजर जनरल डॉ. राजन कोचर, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रवादी प्रो. डॉ. कपिल कुमार, सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण, कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने संयुक्त रूप से आजाद हिन्द का ध्वजारोहण किया।
इस दौरान सामूहिक आजाद हिन्द गान हुआ एवं 12 जाट रेजीमेंट, विश्वविद्यालय की एनसीसी बटालियन, एनएसएस, स्काउट गाइड तथा विश्वविद्यालय में कार्यरत पूर्व सैन्य अधिकारियों ने परेड निकाल कर आज़ाद हिन्द के ध्वज को सलामी दी।मांगल्या प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मेजर जनरल डॉ. राजन कोचर, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रवादी प्रो. डॉ. कपिल कुमार, स्वर्ण पदक विजेता भारतीय एथलीट पारुल चौधरी, सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण, कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थपलियाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज, कार्यक्रम प्रभारी डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। फाइन आर्ट के विद्यार्थियों ने वंदना प्रस्तुत की।कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी को अखण्ड भारत के स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय पूरे विश्व में भारत की संस्कृति एवं राष्ट्रीयता का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का यही प्रयास है कि सभी विद्यार्थियों में शिक्षा के साथ सेवा एवं संस्कारों व नैतिक मूल्यों को रोपित करके व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के द्वारा अखण्ड भारत को बनाने हेतु किये गये संघर्षों से प्रेरणा दिलाई जाए।
सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण ने अखण्ड भारत के स्वतन्त्रता दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने जय हिन्द के उद्घोष से सम्बोधित करते हुए 21 अक्टूबर के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1943 में सिंगापुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अखण्ड संपूर्ण भारतवर्ष को आजाद घोषित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को इतिहास की सच्चाई से रूबरू कराना बहुत आवश्यक है, ताकि जिन महापुरूषों ने हमारे देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है, उन सभी महापुरूषों को नमन करके उनसे हमारी नई पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को संकल्प एवं प्रार्थना दिवस के रूप में घोषित किया जाना चाहिए ताकि उस दिन विखण्डित हुए भारत को पुनः जोड़ने का संकल्प लिया जाए एवं विभाजन के समय मारे गए लाखों देशवासियों की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की जाए। उन्होंने विशेष बताया कि सुभारती परिवार 21 अक्टूबर के दिन को भारत के वास्तविक स्वतन्त्रता दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाता है। उन्होंने भारत सरकार से विशेष आग्रह करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु की सच्चाई को उजागर करने हेतु प्रयास किये जाए। उन्होंने मुख्य रूप से भारत को अखण्ड राष्ट्र बनाने हेतु संयुक्त राष्ट्र ऑफ साऊथ एशिया के निमार्ण का सूत्र दिया जिसमें प्रेम, करूणा एवं मैत्री के भाव से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका आदि सब एक होकर विश्व में ऊर्जावान शक्ति के रूप में उभरेंगे।
मुख्य अतिथि मेजर जनरल डॉ. राजन कोचर ने कहा कि आज का दिन इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय ने नेताजी के सपनों को साकार करने का काम किया है, वह पूरे देश के लिये प्रेरणादायी है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के मूलमंत्र शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संस्कार एवं राष्ट्रवाद से ही देश का उत्थान होगा। उन्होंने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा भारत को आज़ादी दिलाने हेतु किये गए संघर्ष की गाथा सभी को सुनाई।
विशिष्ट अतिथि राष्ट्रवादी प्रो. डॉ. कपिल कुमार ने नेताजी द्वारा अखण्ड भारत की आज़ादी की घोषणा के सन्दर्भ में विस्तार से बताया। भारत का वास्तविक आज़ादी का दिवस 15 अगस्त न होकर 21 अक्टूबर अथवा 26 जनवरी होना चाहिए। उन्हांने कहा कि इतिहास की सच्चाई को जिस प्रकार सुभारती विश्वविद्यालय अपने प्रयासों से देश के सामने ला रहा है, वह बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस थे। क्योंकि उनके पास से नेताजी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण सामग्री प्राप्त हुई थी। लेकिन पिछली सरकारों ने नेताजी के बलिदान को दबाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार देश के समस्त बलिदानियों को सम्मान देकर हर भारतीय को गर्व की अनुभूति करा रही है।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शोधपीठ के चेयरमैन डा. देशराज सिंह ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि आज़ादी भीख मांगने से नही बल्कि आज़ादी छीनकर प्राप्त की जाती है और नेताजी ने हमेशा संघर्ष के मार्ग को चुनकर देश की सेवा की है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय देश को स्वतन्त्र कराने में अपना बलिदान देने वाले महापुरूषों के आदर्शों पर चलकर देश को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर का दिन गौरवान्वित होने का दिन है और आज के दिन देश के युवाओं को इतिहास की सही सच्चाई से अवगत होकर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अखण्ड भारत को पुनः स्थापित करने का संकल्प लेना चाहिए।
समारोह में ईश्वर चन्द्र विद्या सागर स्कूल के नन्हे मुन्ने बच्चों ने देशभक्ति से परिपूर्ण प्रस्तुतियां देकर सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही फाइन आर्ट कॉलिज के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में स्पंदन खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।मंच का संचालन एकांश दीक्षित, सपना गिरी, हर्षिता खुराना, मान्या त्यागी, मौ. ग़ाज़ी जैदी, सृष्टि सैनी, अर्शिता शुक्ला, अलीजा चौधरी आर्यन भदौरिया, अकांक्षी दयाल ने डॉ सीमा शर्मा व डॉ. मनीषा लूथरा के संयोजन में संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली मेरठ की एथलीट सुश्री पारूल चौधरी, उनके पिता, भाई एवं जीजा जी ने भाग लिया। सुश्री पारूल चौधरी को सुभारती परिवार की ओर से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही सभी अतिथियों को स्मृति चिहृ देकर सम्मानित किया गया। शाम 5ः30 बजे बीटिंग दी रिट्रीट कार्यक्रम द्वारा ध्वज को सुरक्षित किया और मेरठ के इतिहास में आज़ाद हिन्द के ध्वज को सलामी देकर सभी को गर्व की अनुभूति कराई। वंदे मातरम गायन के साथ समारोह का समापन हुआ।
इनकी रही विशेष उपस्थिति अरूणोदय अध्यक्ष डॉ. अनुभूति चौहान, वरिष्ठ समाज सेवी शिब्बनलाल स्नेही, पूर्व कुलपति डा. एन.के.आहूजा, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री राजवीर सिंह, वरिष्ठ आईएनए प्रेमी श्री पाराशर, कर्नल अमरदीप, श्री ए.के. कौशिक, प्रतिकुलपति डा.अभय शंकरगौड़ा, कुलसचिव ग्रुप कैप्टन एम. याकूब, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद ज़फ़र हुसैन, सुभारती मेडिकल कॉलिज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता, सुभारती अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ब्रिगेडियर एचएस मिनहास, सुभारती डेन्टल कॉलिज के प्राचार्य डॉ. निखिल श्रीवास्तव, डॉ.एसडी खान, कर्नल राजेश त्यागी, कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक डा. वैभव गोयल भारतीय, डॉ. प्रदीप राघव, डॉ. पिंटू मिश्रा, डॉ. भावना ग्रोवर, डॉ. गीता परबन्दा, डॉ. एससी थलेडी, डॉ. महावीर सिंह, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. आर.के घई, डॉ. सोकिन्द्र कुमार, डॉ. संदीप कुमार, डॉ.शिवमोहन वर्मा, डॉ. अनोज राज, डॉ. मनोज त्रिपाठी, असिस्टेंट डायरेक्टर पीपीडी ई.आकाश भटनागर, सीटीओ विवेक तिवारी, डॉ. मुकेश रूहेला, प्रो.रामप्रकाश तिवारी, आज़ाद हिन्द रेडियो निदेशक विजय सैनी, प्रशासनिक अधिकारी हर्षवर्धन कौशिक, नरेश कुमार, राजकुमार सागर, संजय जुगरान सहित स्वतन्त्रता दिवस आयोजन समिति एवं सुभारती परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।




No comments:
Post a Comment