प्रदेश में जगमग बिजली के लिए अब बनाये 15 नए जोन

 पश्चिमांचल में 6 के बजाए होंगे 11 जोन , मेरठ को प्रथम व द्वितीय में किया गया विभाजित 

लखनऊ,मेरठ । प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए योगी सरकार ने प्रदेश की विशाल आबादी की जरूरतों के मुताबिक तथा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विद्युत तंत्र में व्यापक सुधार किया है। सरकार ने उप्र पावर कारपोरेशन के सहयोगी वितरण निगमों के अंतर्गत वर्तमान में क्रियाशील 25 वितरण क्षेत्र (जोन) की संख्या को बढ़ाकर 40 जोन बनाने संबंधी पुनर्गठन का आदेश जारी कर दिया है।

इस पुर्नगठन में सभी महानगरों को अलग जोन बना दिया गया है। मंडल मुख्यालय के जोन से जुड़े अन्य जिलों का अलग जोन बना दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने जोनल अधिकारियों का कार्य क्षेत्र बड़ा होने तथा कार्य का दबाव अधिक होने से विद्युत कार्यों एवं व्यवस्था की सही से मॉनिटरिंग नहीं हो पाने के साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का भी समय से समाधान न हो पाने की समस्या को देखते हुए जोन के कार्यक्षेत्र को कम करने के लिए नए जोन बनाने का निर्देश दिया था।

-पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले 06 जोन थे, अब 11 जोन बनाए गए हैं। मेरठ को मेरठ प्रथम एवम् द्वितीय जोन में ,गाजियाबाद जोन को अब गाजियाबाद प्रथम, द्वितीय व तृतीय जोन में, मुरादाबाद को अब मुरादाबाद एवम् गजरौला में, सहारनपुर को सहारनपुर एवं  मुजफ्फरनगर जोन में बांटा गया है। नोएडा और बुलंदशहर जोन में कोई बदलाव नहीं किया गया।

-पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले 06 जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब 09 जोन हो गए। इसमें गोरखपुर को अब गोरखपुर प्रथम एवम् द्वितीय, प्रयागराज को प्रयागराज प्रथम एवम् द्वितीय, वाराणसी को अब वाराणसी प्रथम एवम् द्वितीय में विभाजित किया गया है। आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर जोन में कोई बदलाव नहीं हुआ।

-मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले 06 जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब 10 जोन हो गए। इसमें बरेली को अब बरेली प्रथम एवम् द्वितीय, लेसा सिस गोमती को लेसा सिस गोमती प्रथम एवम् द्वितीय, लेसा ट्रांस गोमती को लेसा ट्रांस गोमती प्रथम एवम् द्वितीय, लखनऊ को सीतापुर एवम् रायबरेली जोन में विभाजित किया गया है। अयोध्या एवम् देवीपाटन जोन में कोई बदलाव नहीं हुआ।

-दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पहले 06 जोन थे, पुनर्गठन के बाद अब 09 जोन हो गए। इसमें अलीगढ़ जोन को अलीगढ़ एवम् एटा, कानपुर को कानपुर प्रथम और द्वितीय, आगरा प्रथम एवम् द्वितीय को मिलाकर अब आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा जोन में बांटा गया है। बांदा व झांसी जोन में कोई बदलाव नहीं किया गया।

– कानपुर विद्युत् आपूर्ति कम्पनी लिमिटेड के अंतर्गत केस्को जोन में भी पुनर्गठन के बाद कोई बदलाव नहीं किया गया।

बेहतर होगी मॉनिटरिंग

जारी निर्देश के अनुसार, अब मेरठ,बिजनौर , वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, आगरा, मथुरा, जैसे बड़े शहरों व महानगरों के लिए बिजली का अलग जोन बनाया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा दी जा सकेगी। अभी तक यहां नगरीय और ग्रामीण जोन का विभाजन नहीं था। इस विभाजन से उन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों सहित अन्य इलाक़ों के अलग जोन बन जाएंगे, जिससे उन क्षेत्रों में बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी। इसी कड़ी में लखनऊ एवं ग़ाज़ियाबाद जैसे बड़े शहरों के जोन को पुनः विभाजित कर और छोटा बनाया गया है, जिससे मॉनिटरिंग बेहतर हो सके।गाजियाबाद में वर्तमान एक की जगह अब तीन जोन होंगे। वहीं लखनऊ में वर्तमान दो की जगह अब चार जोन होंगे।  ।

उपलब्ध मानव संसाधन का होगा उपयोग

नवसृजित जोन सीतापुर, रायबरेली, एटा, फिरोजाबाद, मथुरा, गजरौला तथा मुजफ्फरनगर का मुख्यालय अपने इंगित स्थान पर होगा। अन्य सभी जोन के मुख्यालय पूर्ववत रहेंगे। नवसृजित जोन के लिए नए पदों का सृजन नहीं किया जाएगा। जोन के लिए जरूरी पदों की व्यवस्था संबंधित वितरण निगम द्वारा उपलब्ध मानव संसाधन से की जाएगी। पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया मूल जोन से ही होगी।

नवसृजित जोन के मुख्य अभियंताओं को इन कार्यों के लिए सभी अधिकार 01 जनवरी, 2024 से दिए जाएंगे। इस पुनर्गठन से महानगरों की बिजली व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी। मंडल मुख्यालय के जिलों की बिजली वितरण व्यवस्था में भी सुधार होगा। योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी, कार्यों की बेहतर मॉनिटरिंग भी की जा सकेंगी। साथ ही उपभोक्ताओ की शिकयतों का भी त्वरित समाधान किया जा सकेगा।


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