विश्व गर्भ निरोधक दिवस (26 सितंबर) आज

परिवार नियोजन के साथ यौन संक्रमण से बचाव का बेहतर साधन हैं गर्भनिरोधक सीएमओ

हापुड़, 25 सितंबर, 2023। सभी उपलब्ध गर्भनिरोधक साधनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है। इस साल विश्व गर्भनिरोधक दिवस की थीम - पावर ऑफ ऑपशन्स यानि विकल्पों की शक्ति रखी गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा‍. सुनील कुमार त्यागी ने बताया - गर्भनिरोधक परिवार नियोजन के साथ ही यौन संक्रमण से बचाव का बेहतर साधन हैं। विश्व गर्भनिरोधक दिवस के आयोजन का उद्देश्य युवाओं को अपने यौन प्रजनन स्वास्थ्य के लिए उपलब्ध विकल्प चुनने के लिए सक्षम बनाना है। बॉस्केट ऑफ च्वाइस” इसका बेहतर जरिया है।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा‍. प्रवीण शर्मा का कहना है कि गर्भनिरोधक साधन केवल अनचाहे गर्भ से ही सुरक्षित नहीं रखते बल्कि वैवाहिक जीवन आसान भी बनाते हैं। दो बच्चों के बीच यदि तीन साल का सुरक्षित अंतर न हो तो इसका सीधा असर मां और शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है। अनचाहा गर्भ माताओं एवं बच्चों के बेहतर देखभाल में व्यवधान पैदा करता है। गर्भनिरोधक इस्तेमाल करने से अपने मन मुताबिक परिवार नियोजन किया जा सकता हैजो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इन्हीं सब बातों के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 सितंबर, 2007 से हर साल विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य गर्भनिरोधक के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना और कोई एक विकल्प चुनने में सक्षम बनाना है।

2019-21 के दौरान हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे - पांच के मुताबिक हापुड़ जनपद में 70.3 प्रतिशत लोग किसी न किसी गर्भनिरोधक साधन का प्रयोग करते हैं। आधुनिक साधनों की बात करें तो इन्हें अपनाने वाले 47.6 प्रतिशत हैं। इनमें से 26.5 प्रतिशत कंडोम और मात्र 2.1 प्रतिशत महिलाएं इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) का प्रयोग करती हैं। कुल मिलाकर गर्भनिरोधक साधन प्रयोग करने वालों की संख्या कम ही हैविश्व स्वास्थ्य संगठन का प्रयास है कि गर्भनिरोधकयौन और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच 2030 तक यूनिवर्सल कवरेज के लक्ष्य का प्राप्त कर ले। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के विकासशील देशों में 21 करोड़ से अधिक महिलाएं अनचाहे गर्भ से मुक्ति चाहती हैं लेकिन गर्भनिरोधक साधनों के इस्तेमाल के अभाव में ऐसा हो नहीं पाता। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य अनचाहे गर्भ से मुक्ति की चाह और गर्भनिरोधक साधनों से दूरी के बीच की खाई पाटना है।


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