जिले में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तीन अक्टूबर से
16 से 31 अक्टूबर तक चलेगा दस्तक अभियान
मेरठ,21 सितम्बर 2023। वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जनपद में तीन से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। इसी क्रम में 16 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान का तीसरा चरण चलेगा । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने दी।
जिला मलेरिया अधिकारी सत्य प्रकाश ने अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया-वेक्टर जनित बीमारियों जैसे- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, आदि की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। 16 अक्टूबर से शुरू होने वाले दस्तक अभियान में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार व इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) के रोगियों, क्षय रोग, कुष्ठ रोग, के लक्षणयुक्त व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करेंगी। इसके साथ ही निर्धारित प्रपत्र पर क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची तैयार करेंगी, जहां घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया हो। सभी रिपोर्ट ई-कवच पोर्टल पर फीड की जाएंगी। इसकी नियमित समीक्षा और मॉनिटरिंग होगी।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि माइक्रोप्लान के अनुसार अभियान में घर-घर भ्रमण के दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संक्रमण से बचने व बुखार होने पर “क्या करें, क्या न करें” का प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करेंगी। उन्होंने बताया- अभियान के लिए वेबिनार के माध्यम से 16 सितम्बर को प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसमें अभियान से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
डेंगू से करें बचाव, घर और आस-पास न होने दें जलजमाव
मलेरिया अधिकारी ने कहा- बारिश का मौसम मच्छर के लिए अनुकूल होता है। जहां जल जमाव होगा वहां मच्छर पैदा होंगे। इसलिए घर व आस-पास कहीं भी पानी जमा न होने दें। डेंगू का मच्छर ‘एडीज़’ साफ पानी में ही पनपता है। इसलिए इसके घर में पनपने की ज्यादा सम्भावना होती है। कूलर की टंकी के पानी, पक्षियों के पानी पीने के बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल के खोल, टूटे बर्तन, खाली कंटेनर, गमलों की प्लेट, मनी प्लांट की बोतल आदि इन सभी को सप्ताह में एक बार खाली व साफ करते रहना चाहिए। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, साथ ही सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
जिला अस्पताल में दस और सीएचसी पर पांच-पांच बेड आरक्षित
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया- स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू मरीजों के उपचार की व्यवस्था की गई है। जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए दस और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पांच-पांच बेड आरक्षित हैं। डेंगू के लिए दो सेंट्रल लैब हैं- एक जिला अस्पताल और दूसरी राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में। दोनों लैब में मुफ्त जांच की व्यवस्था है।
डेंगू के सामान्य लक्षण –-तेज सिरदर्द व बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना व त्वचा पर चकत्ते उभरना आदि, डेंगू के लक्षण हैं।
चिकित्सक की सलाह जरूरी – बुखार आने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार ही अपना उपचार करें। अपने आप केमिस्ट से लेकर कोई दवा न खाएं। तेज बुखार होने पर सामान्य पानी की पट्टी सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर रखें। बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, ताजे व खट्टे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करें।
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