श्रीमद् भागवत कथा सुनने से होते हैं जन्म-जन्मों के पाप नष्ट- पंडित विजय सौभरि जी महाराज
हापुड़। हापुड़ जनपद के धौलाना तहसील के गांव छज्जुपुर में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण के सातवें दिन कथावाचक पंडित विजय सौभरि जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य के पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं और उसे परम सुख की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पाने का सबसे सरल माध्यम है। भागवत कथा सुनकर कुछ पाने और सीखने के लिए कुछ सीखने के उद्देश्य से कथा सुने। भगवान कृष्ण सत्य और सर्वेश्वर है। ईश्वर सृष्टि की रचना करते और उसका पालन भी करते। संसार पर आपत्ति आने पर भगवान स्वयं पृथ्वी पर आकर लोगों का कल्याण करते हैं। मानव का जीवन विषय वस्तु को भोगने के लिए नहीं बल्कि भगवान की भक्ति करने के लिए मिला है। कथा के अंतिम दिन भी श्रीमद् भागवत का रसपान पाने के लिए भक्तों का सैलाब कथा स्थल पर उमड़ पड़ा। कथावाचक पंडित विजय सौभरि जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया। जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार शादियां के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई। इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। कथा समापन के दौरान भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही। जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तो को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है। कथा में काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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