फायर फाइटर्स दस्ते में होगी ड्रोन की एंट्री- डीजी फायर 

हाइराइज बिल्डिंग, हर्जाड्स फायर कंट्रोल के लिए ड्रोन होंगे इस्तेमाल

मेरठ।  यूपी  में अग्निशमन विभाग में अब आग बुझाने के लिए ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा। जल्द ही फायर फाइटर्स के दस्ते में फायर ब्रिगेड के साथ ड्रोन भी जुड़ेंगे। हाइराइज बिल्डिंग और इंडस्ट्रियल हजार्ड्स फायर को बुझाने के लिए फायर ड्रोन यूज होंगे। ताकि समय पर आसानी से आग पर काबू पाया जा सके। बृहस्पतिवार को डीजी फायर आईपीएस अविनाश चंद्र ने अग्नि सुरक्षा बचाव व जागरुकता जनसंवाद  में जानकारी दी। । इसमें डीजी फायर ने आग से बचाव को लेकर जनता को जागरुक किया।

डीजी फायर ने कहा कि इंडस्ट्रियल फायर, केमिकल फायर या बहुत ऊंची इमारतों में आग लगने की घटनाएं होती हैं। उस समय तेजी से फायर कंट्रोल करने के लिए फायर ड्रोन यूज करने की बात चल रही है। हालांकि अभी ये प्रोजेक्ट इंफेंट्री स्टेज में है। काफी कंपनियां जो फायर ड्रोन बनाती हैं उनके इक्विपमेंट को चैक किया जा रहा हे। जल्द इसे यूज में लाया जाएगा। कहा कि आने वाले समय में रोबोटिक्स का इस्तेमाल भी फायर कंट्रोलिंग में करेंगे। कहा कि आजकल हजार्ड्स फायर और केमिकल फायर मामले भी तेजी से बढ़े हैं। ह्यूमन रिसोर्स से इसे कंट्रोल करना काफी चैलेंजिंग होता है। आगे कहा कि फायर में काफी कुछ बदलाव हो रहे हैं।

डीजी ने आगे कहा कि 35 लाख करोड़ के निवेश के एमओयू साइन हुए हैं। इसमें ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए विभाग ने काफी पहल की है। फार्म को सरलीकरण किया है। फायर की एनओसी फार्म का सरलीकरण किया जा रहा है। 85 फील्ड की जगह 25 फील्ड कर रहे हैं।सेल्फ सर्टिफिकेशन का प्रोविजन भी कर रहे हैं। जो 15 मीटर से कम की बिल्डिंग हैं साथ ही जो 500 स्क्वायर मीटर फ्लोर कवर एरिया से कम के भवन हैं। ऐसे भवन स्वामी सेल्फ सर्टिफाइड कर देंगे कि उनके यहां फायर फायटिंग सिस्टम लगा है तो यह मान लिया जाएगा कि उनके यहां फायर फायटिंग सिस्टम लगा है। उनको एनओसी दे दी जाएगी।

इलेक्ट्रानिक शार्ट सर्किट से सबसे ज्यादा आग लग रही है। इसलिए अपने यहां बिजली कनेक्शन और सिस्टम की ऑडिटिंग कराएं। हर ब्लॉक में 100, पूरे यूपी में 830 ब्लॉक हैं 91हजार के करीब फायर वालंटियर्स बनाए हैं उनका काम यही है कि वो लोगों को आग न लगे कैसे सुरक्षा बरतें बताएं साथ ही आग लगने पर कैसे बचाव करें, क्या करें क्या न करें इसकी जागरुकता फैलाएं। आग लगे तो कैसे भागें, क्या करें इवेक्यूऐशन ड्रिल के बारे में बताते हैं।

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