हिंदी हमारा गौरव व देश की पहचान - डॉ सीमा शर्मा
मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के सभी संकाय व विभागों में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। भाषा विभाग द्वारा हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ. सीमा शर्मा ने कहा कि हिंदी हमारा गौरव और देश की पहचान है।
यह गति और प्रवाह की अनवरत प्रखरता का प्रतीक और राष्ट्रीय एकता का दीप है। हिंदी का कैनवास बहुत व्यापक है। इसमें हर रंग को अपने भीतर समाहित करने की अद्भुत क्षमता है। वैश्वीकरण के दौर में बाजार के दबावों के चलते व्यवसाय, खेल और विज्ञान से जुड़ी जानकारियां हिंदी में परोसना बाजार की विवशता बन गई है। हिंदी भाषा की वेबसाइटें पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हिंदी में विज्ञापन इसके उज्जवल भविष्य के संकेत हैं।
डॉ. शोभा रतूड़ी ने कहा कि मॉरिशस, फीजी, त्रिनिडाड, सूरीनाम आदि देशों में पहुँचे भारतीय गिरमिटिया मजदूरों ने भारतीय भाषा और संस्कृति को रोपने का सफल प्रयास किया और उसकी सम्पन्नता के लिए निरंतर उपक्रम करते रहे। जहाँ गिरमिटिया देशों में हिंदी का पर्याप्त प्रचार-प्रसार हुआ वहीं विश्व के अन्य महाद्वीपों, अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, एशिया एवं आस्ट्रेलिया में भी हिंदी का वातावरण पुष्पित एवं पल्लवित हो रहा है। विश्व के अधिकाँश देशों में हिंदी शिक्षण की व्यवस्था है।
डॉ. रफत खानम ने हिंदी को भारत की अस्मिता बताते हुए कहा कि हिंदी हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक है। बहुत सहज, सरल और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा है। हिंदी माध्यम में व्यावसायिक पाठयक्रम करने की घोषणा के साथ ही युवाओं और विद्यार्थियों के लिए नया रास्ता खुल गया है । एआईसीटीई के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों में चिकित्सा एवं अभियांत्रिकी आदि विषयों की भारतीय भाषाओं में पढ़ाई आरंभ हो गई है।
प्रो. राजेश्वर ने हिंदी भाषा और लिपि पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें विचार करना पड़ेगा कि देवनागरी के भविष्य के लिये हम क्या करें? बच्चे देवनागरी वर्णमाला कैसे सहजता से सीखें? वर्णमाला के बोध को हम कैसे रम्य और बोधगम्य बनायें? इससे हिंदी, भारत और भारतीय भाषाओं के मध्य बहनापा बढ़ेगा और बोलने वालों के मन भाषाओं के प्रति सम्मान।
इस अवसर पर सुश्री स्वाति एवं डॉ. आशीष दीपांकर ने कविताओं का वाचन किया एवं हिंदी के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही भाषा विभाग के विद्यार्थियों ने भी उत्साह पूर्वक सहभागिता की हिंदी भाषा के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रो. राजेश्वर, डॉ. रफत खानम, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. शोभा रतूड़ी, डॉ. मनीषा लूथरा, डॉ. यशपाल डॉ. रणवीर, सुश्री स्वाति, डॉ. आशीष दीपांकर, दीपक आदि सहित विभाग समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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