स्तन के ऑपरेशन में नहीं रहेगी निशान की टेंशन
वैक्यूम असिस्टेड ब्रेस्ट सर्जरी से आई क्रांति
गुरुग्राम : यंग महिलाओं में ब्रेस्ट की गांठ का इलाज अब काफी बदल गया है. वैक्यूम असिस्टेड ब्रेस्ट सर्जरी (वैब्स) एक ऐसी सर्जिकल तकनीक है जो गेम चेंजर साबित हो रही है, खासकर यंग महिलाओं के ब्रेस्ट की गांठ के मामले में. इस प्रक्रिया में मिनिमली इनवेसिव तरीके से नॉन कैंसरस ब्रेस्ट गांठ (फाइब्रोएडीनोमा) निकाली जाती है. वैब्स तकनीक की मदद से डॉक्टर महज 2 मिमी का की-होल कट लगाने में भी सक्षम होते हैं. इसका फायदा ये होता है कि सर्जरी के एक हफ्ते बाद ही ऐसा कोई दाग नहीं रहता जो नजर आए.
वैब्स एक ऐसी शानदार तकनीक है जिसने यंग महिलाओं को अपना विश्वास वापस पाने, और क्वालिटी ऑफ लाइफ को मेंटेन करने में काफी मदद की है. खासकर, जो युवतियां फाइब्रोएडीनोमा से ग्रसित होती हैं उनके लिए ये तकनीक काफी कारगर है. दरअसल, 15-30 उम्र की युवतियों में ब्रेस्ट की गांठ का सबसे बड़ा कारण फाइब्रोएडीनोमा होता है और इन युवतियों की सबसे बड़ी चिंता ब्रेस्ट के दाग होते हैं.
सीके बिरला हॉस्पिटल में ब्रेस्ट सेंटर के हेड व लीड कंसल्टेंट डॉक्टर रोहन खंडेलवाल ने कहा, ''ब्रेस्ट की हेल्थ समस्याओं से जूझ रही युवा महिलाओं के जीवन पर वीएबीबी के सकारात्मक प्रभाव को देखने के लिए हम रोमांचित हैं. हमारा लक्ष्य मरीजों को सबसे ज्यादा असरदार, और कम से कम इनवेसिव प्रक्रियाओं के साथ हेल्थ केयर मुहैया कराना है, और वीएबीबी इस मामले में एक क्रांतिकारी तकनीक साबित हुई है. इस प्रक्रिया में निशान नहीं रहते हैं जिससे युवतियों में काफी कॉन्फिडेंस रहता है और उनकी बेहतर तरीके से रिकवरी हो पाती है.''
फाइब्रोएडीनोमा लंबे समय से यंग महिलाओं के लिए चिंता का कारण रहा है और दाग नजर आने के डर से कई बार वो मेडिकल इंटरवेंशन लेने से बचती हैं. पिछले दो सालों में सीके बिरला अस्पताल ने वैब्स तकनीक की मदद से 150 से ज्यादा सफल सर्जरी की है और महिलाओं को ब्रेस्ट हेल्थ की चिंताओं से राहत मिलती है. की-होल प्रकिया के जरिए यहां डॉक्टरों की टीम फाइब्रोएडीनोमा को बहुत ही सटीकता और अच्छे तरीके से निकालने में सक्षम है जिससे मरीजों पर फिजिकल और इमोशनल दोनों तरह का दुष्प्रभाव कम होता है.
वैब्स तकनीक सिर्फ फाइब्रोएडीनोमा तक सीमित नहीं है बल्कि गांठ रिपीट होने और डक्टल घाव के मामले में भी ये काफी असरदार है. वैक्यूम असिस्टेड ब्रेस्ट सर्जरी एक दाग रहित ब्रेस्ट सर्जरी की तकनीक है जो नॉन-कैंसरस मामलों में की जाती है. आमतौर पर फाइब्रोएडीनोमा से पीड़ित यंग महिलाओं के इलाज में ये इस्तेमाल की जाती है. ये तकनीक बहुत ही उम्दा है, जिसके साथ मिलकर सीके बिरला अस्पताल के काबिल डॉक्टरों की टीम ब्रेस्ट हेल्थ से जुड़े मामलों में काफी बेहतर साबित हो रही है और इसके अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं.
डॉक्टर रोहन खंडेलवाल की लीडरशिप में सीके बिरला अस्पताल के ब्रेस्ट सेंटर में हाल ही में देशभर के सर्जनों के लिए वैक्यूम असिस्टेड ब्रेस्ट सर्जरी वर्कशॉप आयोजित की गई थी. पूरे देश से 30 से ज्यादा डेलिगेट्स ने इस वर्कशॉप में हिस्सा लिया था जिन्होंने डॉक्टर रोहन खंडेलवाल के गाइडेंस में वीएबीबी मशीन के इस्तेमाल की हैंड्स-ऑन प्रैक्टिस की.
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