आई फ्लू एवं उसकी होम्योपैथिक चिकित्सा
- डा. एमडी सिंहमहाराजगंज गाजीपुर।
आजकल देश भर में आई फ्लू या कंजकिवाइटिश का प्रकोप चल रहा है। इसका प्रकोप हाल ही में हुई बारिश के जलभराब और रुके हुए पानी में जलजनित बैक्टीरिया और वायरस की बजह से सामने आ रहा है।
इसके लक्षणों में आँखों का लाल होना , खुजली होना या पानी बहना शामिल है।
देश भर में आई बाढ़ और बारिश आई फ्लू का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है जिसके चलते आँखों को ढककर रखने और बार बार आँखों को छूने से परहेज करना चाहिए।
अगर आप आई फ्लू की चपेट में हैं तो होम्योपैथिक दवाई काफी कारगर साबित हो सकती है
लक्षण- (इसके लक्षण बहुत घातक नहीं है किंतु परेशान करने वाले हैं)
1- हल्के सर्दी, जुकाम के साथ आंखों में चुभन महसूस होना।
2- आंखों से लसीला स्राव का निकलना।
3- पलकों का आपस में चिपकना और फूल जाना।
4- आंखों की श्लैष्मिक झिल्ली (कंजेक्टाइवा) का इंफ्लामेशन के साथ गहरा लाल हो जाना।
5- फोटोफोबिया, प्रकाश की तरफ देखने में परेशानी।
6- कुछ पड़े होने की आशंका के कारण आंखों को बार-बार साफ करने की इच्छा।
7- कभी-कभी जल्दी आराम ना होने पर गाढ़े पीले रंग का स्राव आना।
8- सुस्ती, हल्का सर दर्द एवं कमजोरी महसूस करना।
9- छोटे बच्चों में पेट खराब होने की शिकायत मिल सकती है।
10- 8 से 14 दिन में लक्ष्मण स्वतः ही कम होने लगते हैं और आराम मिल जाता है।
बचाव-
1- नमी से बचें और वस्त्रों को अच्छी तरह सुखा कर पहनें।
2- पानी उबालकर ठंडा कर लें और आंखों पर छींटा मार कर दिन में दो-तीन बार धोएं।
3- सभी लोग अपना-अपना तौलिया और रुमाल का प्रयोग करें।
4- संक्रमित को चश्मा लगाने के लिए कहा जाए और उससे दूर रहा जाए।
5- जिस स्कूल में संक्रमण पहुंच गया हो वहां बच्चों को दूर-दूर बैठाया जाय अथवा संक्रमित बच्चे को छुट्टी दिया जाय।
6- वाटर पार्क में जाने से बचें।
7- धूप में जाने से बचें।
8- मोबाइल का प्रयोग कम से कम किया जाय।
बचाव की होम्योपैथिक दवा-
जिस एरिया में वायरल कंजंक्टिवाइटिस फैला हो वहां होम्योपैथिक औषधि यूफ्रेसिया 200 रोज एक बार लेना चाहिए और सुरक्षित स्थानों पर सप्ताह में एक बार लेना चाहिए।
नोट- औषधियों का प्रयोग होम्योपैथिक चिकित्सकों की राय पर किया जाय।
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