कल से जनपद में चलेगा सघन कुष्ठ रोगी खोजी एवं नियमित निगरानी अभियान

अभियान के लिए बनाई गई 720 टीमहर टीम में आशा के साथ होगा एक वालंटियर

घर-घर जाकर हर टीम को करना होगा एक हजार की आबादी का सर्वे

अन्य कार्यों के साथ सर्वे के लिए टीम को मिलेगा एक माह का सम 

 मेरठ। कुष्ठ रोग की जल्दी पहचान होने से रोगी को विकलांगता से बचाया जा सकता है और मल्टी ड्रग थेरेपी के जरिए रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है। इसलिए कुष्ठ रोग की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया जाता है। लोगों को लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाती है। उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अखिलेश मोहन एक सितम्बर से तीस सितम्बर तक शुरू होने वाले  सघन कुष्ठ रोग खोजी एवं नियमित निगरानी अभियान के बारे में कही। 

उन्होंने बताया - शासन के निर्देश पर सितंबर माह में सघन कुष्ठ रोगी खोज एवं नियमित निगरानी अभियान चलाया जाएगा। अभियान के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। 697 टीम घर-घर जाकर संभावित कुष्ठ रोगियों की पहचान करेंगी। कुष्ठ रोगियों की पहचान कैसे की जानी हैकौन-कौन से सवाल करने हैंइस संबंध में टीमों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डा केसी तिवारी ने बताया - सीएमओ  के निर्देशन में संभावित कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए बनाई गई टीम में एक आशा और एक वालंटियर शामिल किया गया है। हर टीम को घर -घर जाकर सर्वे करने के लिए एक हजार की आबादी का लक्ष्य दिया गया है। 90सुपरवाईजरों को टीमों को चैकिंग के लिए लगाया गया है। 

क्योंकि आशा कार्यकर्ताओं को अपने नियमित कार्य भी जारी रखने हैंइसलिए उन्हें सर्वे के लिए अपनी सुविधा के मुताबिक दिन तय करने का मौका दिया गया हैलक्षित आबादी की स्क्रीनिंग सितंबर माह के दौरान ही पूरी करनी है। जिले के घनी आबादी के चलते फोकस करने के निर्देश दिए गए हैंसाथ ही उन पॉकेट्स पर विशेष ध्यान देना है जहां पिछले तीन वर्षों के दौरान कुष्ठ रोगी मिले हैं। उन्होंने बताया - जिले में  कुष्ठ रोगियों का उपचार चल रहा है।


 दो वर्ष से अधिक आयु के बच्चों और बड़ों की होगी स्क्रीनिंग

सर्वे के दौरान दो वर्ष की आयु पूरी कर चुके बच्चों और बड़ों की स्क्रीनिंग की जानी है। टीम हर घर में जाकर पूछेगी कि त्वचा पर कोई गहरे भूरे रंग का दाग तो नहीं हैयदि ऐसा कोई दाग है तो क्या उसमें सुन्नपन महसूस होता हैयदि हां तो संभावित कुष्ठ रोगी मानकर उसे नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रेफर किया जाएगा। कृष्ठ रोग की पुष्टि के लिए एक बार चर्म रोग विशेषज्ञ से जांच करानी होती है और उसके बाद उपचार शुरू कर दिया जाता है। शुरुआत में रोग की पहचान होने पर आसानी से उसका उपचार हो जाता है। 

कुष्ठ रोग छूत का रोग नहीं

सीएमओ डा. अखिलेश  बताया  कुष्ठ रोग छूत का रोग नहीं हैयह रोगी से हाथ मिलाने या उसे छूने से नहीं फैलता। कुष्ठ रोगी के साथ किसी तरह का भेदभाव करना गलत है। उन्होंने जनपद वासियों से अपील की है कि सर्वे के लिए पहुंचने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम का सहयोग करें। कुष्ठ रोग के लक्षणों को छिपाएं नहींटीम को सही जानकारी दें ताकि समय से उपचार शुरू किया जा सके। कुष्ठ रोग कोई अभिशाप नहींएक बीमारी हैजो लेप्रे नामक बैक्टीरिया से होती है। इसका पूरी तरह से उपचार संभव है।

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