10 अगस्त को बच्चों- किशोरों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े निकालने की दवा
जनपद में 17.93 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल खिलाने का लक्ष्य
17 अगस्त को चलेगा मॉपअप राउंड, इसमें गोली खाने से छूटे बच्चों को किया जाएगा कवर
मेरठ, 1 अगस्त 2023। आगामी 10 अगस्त को कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत एक से 19 साल तक के बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की दवा (एल्बेंडाजोल) खिलाई जाएगी। जनपद में स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर करीब 17.93 लाख बच्चों-किशोरों को एल्बेंडाजोल खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बच्चों को दवा कैसे और कितनी दी जाएगी इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर स्कूली शिक्षक-शिक्षिकाओं, आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सोमवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. आर के सिरोहा ने ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर, सीडीपीओ, एमओआईसी, डीपीएम, बीसीपीएम को प्रशिक्षण दिया।
नोडल अधिकारी ने सीएमओ कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया - जनपद में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 10 अगस्त से एक से 19 साल तक के बच्चों व किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की गोली एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। अभियान के दौरान छूटे बच्चो को 17 अगस्त को मॉप अप राउंड में गोली खिलाई जाएगी। आंगनबाड़ी और स्कूलों में बच्चों को आंगनबाड़ी और शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने सामने गोली खिलाएंगी। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि गोली कब व कैसे खिलानी है।
जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक हरपाल सिंह ने बताया -एक से दो वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली पानी से खिलाई जानी है, जबकि दो से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को एक गोली खिलाई जानी है। गोली खाली पेट नहीं खिलानी है। इसके अलावा यदि कोई बच्चा बीमार है तो उसे भी यह गोली नहीं देनी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम और प्रशिक्षित शिक्षक और आंगनबाड़ी- आशा कार्यकर्ता यह गोली खुद अपने सामने खिलाएंगी। अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग और समेकित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। कोई बच्चा यदि सर्दी-खांसी या बुखार से पीड़ित है तो उसे यह गोली नहीं खिलानी है। छोटे बच्चों को गोली निगलने में परेशानी हो सकती है, इसलिए ऐसे बच्चों को गोली पीसकर खिलाई जाती है। शासन से निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद यह गोली दी जाए, क्योंकि खाली पेट गोली नहीं खानी है। यह गोली किसी भी प्रकार से बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होती, लेकिन फिर भी प्रशिक्षित की निगरानी में ही बच्चों को गोली खिलाई जाती है।
नोडल अधिकारी डा आर के सिरोहा ने बताया- कृमि मुक्ति कार्यक्रम के लिए आशा कार्यकर्ता एएनएम को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। ट्रेनिंग में बताया गया कि एल्बेंडाजोल गोली खिलाते समय किन बातों का ध्यान रखना है और किस उम्र के बच्चों को कितनी गोली देनी है। यह गोली सभी बच्चों को प्रशिक्षित लोग अपने सामने खिलाएंगे। गौरतलब है कि पेट के कीड़े निकालने की दवा साल में दो बार बच्चों- किशोरों की खिलाई जाती है। इससे बच्चों को पेट के कीड़ों से तो मुक्ति मिलती है साथ कुपोषण और एनीमिया का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है।
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