मेडिकल कॉलेज हृदयरोग विभाग में पहली बार हुआ वी एस डी डिवाइड क्लोजर
दिल के डिफेक्ट को रक्तनालिकाओं द्वारा डिवाइस के माध्यम से बंद किया गया
मेरठ। मेडिकल कालेज ह्दयरोग विभाग में पहली बार वीएसडी डिवाइज क्लोजर का हुआ है। दिल के डिफेक्ट को रक्तनालिकाओं द्वारा डिवाइस के माध्यम से बंद किया गया है।
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि दौराला, निवासी प्रदीप कुमार की ढाई वर्षीय पुत्री आराध्या जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थी जिसके लिए उन्होंने मेडिकल कॉलेज हृदयरोग विभाग में डॉक्टर शशांक पांडे से संपर्क किया। बच्ची के दिल की बाएं और दाएं वेंट्रिकल के बीच दीवार में एक छेद था, जिसे मेडिकल भाषा में वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट कहते हैं। इसके चलते दिल का बायां हिस्सा भी थोड़ा फैल गया था।
डॉक्टर शशांक पांडे सहायक आचार्य हृदय रोग विभाग ने बताया कि इस प्रकार के डिफेक्ट आमतौर पर ओपन हार्ट सर्जरी के द्वारा ही बंद किए जाते हैं और बिना चीरे के रक्तनालिकाओं द्वारा डिवाइस के माध्यम से बंद करना तकनीकी रूप से मुश्किल होता है। आराध्या के दिल के डिफेक्ट को रक्तनालिकाओं द्वारा डिवाइस के माध्यम से बंद किया गया, ऑपरेशन सफल रहा और बच्ची पूर्णतया स्वस्थ है। टीम में डॉक्टर शशांक पांडे के साथ डॉक्टर सी बी पांडे और डॉक्टर सुभाष दहिया शामिल रहे।
मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कालेज का हृदय रोग विभाग नित नए किर्तिमान स्थपित कर रहा है। मैं डा शशांक पाण्डेय एवम उनकी पूरी टीम को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई देता हूं।
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