मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आई फ्लू के लक्षण से बचने हेतु जारी किये दिशा-निर्देश 

मेरठमुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अखिलेश मोहन ने बताया कि बरसात और बाढ की बजह से देश के कई राज्यों में स्थिति बिगड़ी हुई है। बरसात के मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है एवं कई गम्भीर प्रकार की बीमारियाँ फैलने लगती है। बरसात के मौसम में आखों से जुड़ी परेशानी भी बढ़ जाती है। दरअसल बारिस के पानी से नहाने या फिर लम्बे समय तक पसीने में काम करने से आखो के संक्रमण हो जाता है, जिसे आई फ्लू, पिक आई या कंजक्टिवाइटिस के नाम से जाना जाता है। जिसमें आखों के सफेद हिस्से में संक्रमण हो जाता है। बरसात में फंगल, वायरल एवं बैक्टीरियल इन्फैक्शन सहित हवा में प्रदूषण वातावरण में नमी जैसी समस्याऐं उत्पन्न होती है। जिसकी वजह से आंखों से जुड़ी परेशानियों होनी लगती है।

उन्होने बताया कि आई फ्लू या पिक आई एक संक्रामक बीमारी है जो संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाने एवं पीड़ित व्यक्ति के कपड़े इत्यादि प्रयोग करने से दूसरे व्यक्ति को हो सकती है। आँखों के संक्रमण के कारण लोगों को गम्भीर पेरशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आपको भी इस मौसम में आंखों में दर्द, आखों में सूजन, जलन, खुजली की समस्या हो तो इस हल्के में न ले। ये आई फ्लू के लक्षण हो सकते है, लक्षण दिखने पर तुरन्त बाद पास के सरकारी अस्पताल में चिकित्सक से सम्पर्क करें।

क्या करें-

हाथों को नियमित अन्तराल पर साबुन से धोऐं, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें, आंखों में जलन एवं लाल होने पर स्वच्छ पानी से धोएं, आंखों पर काला चश्मा लगायें, आंखों को साफ करने के लिये साफ सूती कपड़े का प्रयोग करें।

क्या न करें

-संक्रमिक व्यक्ति से हाथ न मिलायें, संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किये गये वस्त्र एवं अन्य वस्तुओं को प्रयोग न करें, आंखों को गन्दे हाथों से न छुएँ, आंखों को खुजलाये नहीं, टी०वी० एवं मोबाइल देखने से बचें, स्वीमिंग पूल के प्रयोग से बचें, अपनी निजी वस्तुऐ जैसे तौलिया, तकिया मेकप का सामन इत्यादि, संक्रमित व्यक्ति से साझा न करें।


आई पलू का संक्रमण अमूमन एक हफ्ते से दस दिन के अन्दर ठीक हो जाता है, आंखों का संक्रमण है या आंखों में जलन हो रही है तो सिकाई राहत प्रदान करती है एवं आंखों के आस-पास होने वाली सूजन को कम करती है।

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