विश्व स्तनपान सप्ताह आज से

शुरू के छह माह तक बच्चे को केवल स्तनपान कराएं : डीपीओ


नोएडा,31 जुलाई 2023।
हर वर्ष की तरह इस बार भी एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा। स्तनपान को बढ़ावा देने और धात्री महिलाओं को शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह सप्ताह मनाया जाता है,जिससे शिशुओं को सही पोषण मिल सके और उनका स्वास्थ्य बेहतर किया जा सके। इसकी शुरुआत अगस्त 1990 में हुई थी। विश्व स्तनपान सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिकित्सक, आशा कार्यकर्ता और आईसीडीएस की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्तनपान के लाभ बताते हुए माताओं को प्रेरित करती हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने मां के दूध की महत्ता बताते हुए कहा- छह माह तक बच्चे के लिए सिर्फमां का दूध हीपर्याप्त होताहै। मां के दूध में वह सभी पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे के लिए आवश्यक होतेहैं। इसके अलावा मां के दूध में पर्याप्त मात्रा में पानी भी होता है, इसलिए छह माह तक बच्चे को पानी भी नहीं देना है। इस दौरान सिर्फ और सिर्फ स्तनपान ही कराना है। उन्होंने कहा - शिशु को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान जरूर कराना चाहिए। मां का पहलापीला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए टीके के समान होता है, जो बच्चों को तमाम बीमारियों से बचाता है, यानि बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है।

उन्होंने कहा- छह माह की आयु तक केवल स्तनपान बच्चे की जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।  समाज में प्रचलित विभिन्न मिथकों के कारण छह माह तक बच्चे को स्तनपान के साथ, शहद, चीनी का घोल और पानी आदि का सेवन करा दिया जाता है। इसके चलते बच्चे संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। माँयह सोचकर बच्चे को पानी पिला देती हैं कि बच्चा प्यासा होगा, जबकि स्तनपान करने वाले  बच्चे को छह माह तक पानी की कोईजरूरत नहीं होती। मां के दूध में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है। उन्होंने बताया अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएंगी कि छह माह तक के बच्चों को केवल स्तनपान ही कराना है। उन्होंने बताया छह माह के बाद बच्चों को ऊपरी आहार जैसे दाल, दलिया, घुटी हुई सब्जियां आदि देनी चाहिए।

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