जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा : 44 पुरुषों ने जिम्मेदारी निभाई, नसबंदी कराई
390 महिलाओं ने नसबंदी करा परिवार नियोजन को अपनाया
मेरठ, 31 जुलाई 2023। गत 11 जुलाई से चल रहा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा सोमवार को समाप्त हो गया। इस दौरान जनपद में 44 पुरुषों ने नसबंदी करा कर परिवार नियोजन में अहम भूमिका निभाई है। वहीं इस दौरान जनपद में 390 महिलाओं ने परिवार की सहमति से स्वेच्छा से नसबंदी अपनाई। इस दौरान 773 महिलाओं ने पोस्ट पार्टम इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी) और 1435 महिलाओं ने इंट्रा यूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) को अपनाया है। 2779 महिलाओं ने अंतरा पर भरोसा जताया है।
परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डा. जावेद हुसैन ने बताया- जनपद में गत 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया गया। उन्होंने बताया इस दौरान जनपद के स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व एएनएम ने दंपति को परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता किया। इसका यह असर हुआ कि जनपद में बीस दिन चले अभियान में 44 पुरुषों ने परिवार नियोजन का स्थाई साधन नसबंदी को अपनाया। वहीं 390 महिलाओं ने परिवार नियोजन को अपनाते अपने पति व परिवार की सहमति से नसबंदी कराई है। उन्होंने बताया इस दौरान 2779 महिलाओं ने अंतरा को अपनाया है। 773 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी व 1435 महिलाओं ने आईयूसीडी को अपनाया है। शहरी के साथ -साथ ग्रामीण क्षेत्र में परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है।
उन्होंने बताया गत वर्ष जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत 336 महिलाओं ने नसबंदी कराई थी, जबकि 65 पुरुषों ने नसबंदी करा कर अपनी भागीदारी निभाई थी। 1081 महिलाओं ने आईयूसीडी 561 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी को अपनाया था। जबकि 2114 महिलाओं ने अंतरा को अपनाया था।
नोडल अधिकारी ने बताया - सीमित परिवार होने के कई फायदे हैं। परिवार खुशहाल बना रहेगा। बच्चों की शिक्षा बेहतर हो पाएगी। महिला का स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा। उन्होंने बताया नसबंदी कराने वाले महिला व पुरुषों को प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दी जाती है। जो सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचती है।
No comments:
Post a Comment