एक कदम सुपोषण की ओरअभियान : ई-कवच पर पंजीकृत हुईं 11,786 गर्भवती

सात जून से छह जुलाई तक चले अभियान में 614 हाई रिस्क प्रेगनेंसी की गईं  चिन्हित

सभी का किया जाएगा चिकित्सकीय प्रबंधन

54 महिलाओं को दिया गया आयरन सुक्रोज

हापुड़, 13 जुलाई, 2023। गर्भवती और धात्री माताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए चलाए गए एक कदम सुपोषण की ओर” अभियान के तहत जनपद में 11,786 गर्भवती और 5863 धात्री ( स्तन पान कराने वाली) माताओं को ई-कवच पर पंजीकृत किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया - बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन और जरूरी सप्लीमेंट उपलब्ध कराने के लिए जनपद में सात जून से छह जुलाई तक यह अभियान चलाया गया था। ई-कवच पर पंजीकरण से गर्भवती और धात्री माताओं की मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से हो सकेगी। उन्होंने बताया - चिकित्सकीय प्रबंधन के लिए अभियान के दौरान 614 हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) चिन्हित की गई हैं।

एसीएमओ (आरसीएच) डा. प्रवीण शर्मा ने बताया - विशेष अभियान के दौरान पहली तिमाही वाली 746 गर्भवती चिन्हित की गई हैं। दूसरी तिमाही में पंजीकृत होने वाली गर्भवती की संख्या 11,040 रही। इसके अलावा 5863 धात्री (स्तनपान कराने वाली) माताओं का ई-कवच पर पंजीकरण किया गया है। ई-कवच के जरिए लगातार गर्भवती और धात्री माताओं की मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने बताया - शासन के निर्देश पर विभाग का पूरा प्रयास है कि गर्भ की पहली तिमाही में ही अधिक से अधिक गर्भवती ई-कवच पर पंजीकृत हों ताकि शुरू से उनकी मॉनिटरिंग हो सके और मातृ- शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके। स्वस्थ शिशु के लिए गर्भवती का स्वस्थ होना पहली जरूरत है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सतीश कुमार ने बताया - गर्भवती - धात्री माताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए चलाए गए एक कदम सुपोषण की ओर” अभियान के तहत जिले में करीब 16.40 लाख आईएफए (आयरन एंड फोलिक एसिड) की गोली वितरित की गई हैं। इसके अलावा करीब 24.15 लाख कैलिशयम की गोली वितरित की गईं। इतना ही नहीं अभियान के दौरान कृमि मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की कुल 8,944 गोलियां खिलाई गईं। इसके अलावा 54 एनीमिक गर्भवती को आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन दिया गया है।

गर्भ के तीन माह बाद दिया जाता है आयरन सुक्रोज

गर्भावस्था में शिशु के विकास और प्रसव के दौरान होने वाले रक्तस्राव के प्रबंधन के लिए जरूरी है कि मां बनने वाली महिला में रक्त की कमी न होयानि हीमोग्लोबिन अच्छा हो। इसलिए प्रसव पूर्व जांच के समय एनीमिया प्रबंधन के लिए गर्भवती को अच्छे खानपान की सलाह दी जाती है। आईएफए की गोली दी जाती है। फिर भी यदि हीमोग्लोबिन 10 ग्राम प्रति डेसीलीटर से कम होता है तो ऐसी गर्भवती को पहली तिमाही के बाद आयरन सुक्रोज दिया जाता है। गर्भावस्था में खून की कमी मातृ एवं ‌शिशु स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।

 

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