विश्व थायराइड दिवस आज (25 मई)
खानपान व जीवन शैली का ध्यान रख किया जा सकता है थायराइड से बचाव : सीएमओ
- पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा होती है समस्या
जिला एमएमजी चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डा. आरपी सिंह ने बताया - हमारे गले में सांस की नली के ऊपर तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है - थायराइड ग्रंन्थि। यह ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन करती है और शरीर के तमाम अंगों की सामान्य क्रिया पूरी करने के लिए जरूरत के मुताबिक सप्लाई होता है। हार्मोन का उत्पादन कम या ज्यादा होना ही थायराइड की समस्या है। थायराइड दो प्रकार का होता है - हाइपर और हाइपो। हार्मोन का उत्पादन ज्यादा होने पर हाइपर और कम होने पर हाइपो थायराइड।
महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. वंदना त्रिपाठी का कहना है - महिलाओं में थायराइड की समस्या अधिक देखने को मिलती है। थायराइड की समस्या से पीरियड अनियमित हो जाते हैं, पीरियड के दौरान फ्लो कम या ज्यादा हो सकता है। स्किन डिसऑर्डर भी देखा जाता है, कई बार थायराइड की समस्या पिंपल का कारण बन जाती है। इतना ही नहीं थायराइड को समय से पहले मेनोपॉज और इनफर्टिलिटी की समस्या का भी कारण बनते देखा गया है और कई बार थायराइड असंतुलन के कारण ओवरी में सिस्ट भी बन जाती है। इसलिए 35 वर्ष की आयु के बाद नियमित जांच कराने की सलाह दी जाती है।
थायराइड के लक्षण:
- वजन कम या ज्यादा होना।
- घबराहट और थकान होना।
- सांस फूलना, नींद न आना।
- अधिक प्यास लगना।
- अवसाद, बाल झड़ना।
- त्वचा रूखी होना।
थायराइड से बचाव ः
- फाइबर युक्त भोजन करें।
- तला-भुना खाने से बचें।
- तनाव से बचें।
- चीनी का प्रयोग कम करें।
- कॉफी और सोया से बचें।
- गोभी खाने से बचें
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