भारत युवा शक्ति का देश है - दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक डो प्रांत के राज्यपाल ली शीयोल वू

दक्षिण कोरिया के सियोल मेडिसन एसोसिएशन एवं सुभारती विश्वविद्यालय के मध्य शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में कार्य करने हेतु समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक डो प्रांत के महामहिम राज्यपाल ली शीयोल वू ने दक्षिण कोरिया में शैक्षिक प्रगति एवं रोजगार के अवसर विषय पर व्याख्यान दिया।भारती विश्वविद्यालय आगमन पर दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक डो प्रांत के महामहिम राज्यपाल ली शीयोल वू एवं प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों का भव्य स्वागत किया गया। पुलिस के जवानां द्वारा मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल ली शीयोल वू को गॉड ऑफ ऑनर दिया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मांगल्या प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल ली शीयोल वू, सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती स्तुति नारायण कक्कड, कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थपलियाल, सम्राट अशोक सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज के सलाहकार डॉ.हिरो हितो, दक्षिण कोरिया के केन्द्रीय मंत्री को यूंचओल ने तथागत बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया। इस दौरान बौद्ध विद्वान भंते डॉ. चन्द्रकीर्ति ने मंगलाचरण वंदना प्रस्तुत की।

सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक डो के महामहिम राज्यपाल ली शीयोल वू एवं प्रतिनिधि मंडल के सभी सदस्यों का सुभारती परिवार की ओर से अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि भारत एवं दक्षिण कोरिया के बीच हमेशा से ही गहरे सम्बन्ध रहे है। दोनों देश एक दूसरे के विकास हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे है। उन्होंने महामहिम राज्यपाल ली शीयोल वू द्वारा दक्षिण कोरिया एवं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के साथ समझौता ज्ञापन करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस सहभागिता के महत्व से विकास को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में सुभारती विश्वविद्यालय तथागत बुद्ध के आदर्शों को आत्मसात करते हुए मानव विकास एवं शान्ति हेतु कार्य कर रहा है। उन्होंने प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों को सुभारती विश्वविद्यालय के शिक्षा, सेवा संस्कार एवं राष्ट्रीयता के मंत्र से रूबरू कराया।मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने महामहिम राज्यपाल ली शीयोल वू सहित प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों को सुभारती विश्वविद्यालय आगमन पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

मुख्य अतिथि दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक डो प्रांत के महामहिम राज्यपाल ली शीयोल वू ने नमस्कार करते हुए सभी का अभिवादन किया। उन्होंने दक्षिण कोरिया में शैक्षिक प्रगति एवं रोजगार के अवसर विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है और किसी भी देश के लिये युवा सबसे बड़ी शक्ति होती है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक व सांस्कृतिक आदान प्रदान से ज्ञान में वृद्धि के साथ सम्बन्धों में मधुरता आती है। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है साथ ही वहां के शिक्षण संस्थान विश्व हेतु ज्ञान का केन्द्र बने हुए है। उन्होंने दक्षिण कोरिया की शिक्षा पद्धति, इतिहास एवं अनुसंधान की दिशा में किये जा रहे कार्यो से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि भारत एवं दक्षिण कोरिया एक दूसरे की सहभागिता से विकास की नई गाथा लिखेंगे।दक्षिण कोरिया के केन्द्रीय मंत्री को यूंचओल ने सुभारती विश्वविद्यालय का भव्य परिसर की प्रशंसा की। उन्होंने भारत एवं दक्षिण कोरिया के मधुर सम्बन्ध हेतु कामना करते हुए सुभारती विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया।

सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति स्तुति नारायण कक्कड ने कहा कि भारत एवं दक्षिण कोरिया के सम्बन्ध प्राचीन समय से ही मजबूत रहे है। उन्होंने बताया कि अब से लगभग दो हजार वर्ष पूर्व अयोध्या से भारतीय राजकुमारी सुरीरत्ना दक्षिण कोरिया गई थी जिन्होंने वहां बौद्ध धर्म को पल्लवित करने का कार्य किया। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा बौद्ध धर्म एवं कला के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो से प्रतिनिधि मण्डल के सभी सदस्यों को रूबरू कराया।

कार्यक्रम में दक्षिण कोरिया के सियोल मेडिसन एसोसिएशन एवं सुभारती विश्वविद्यालय के मध्य शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में कार्य करने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

सुभारती स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज के सलाहकार डा.हिरो हितो ने बताया कि भारत एवं दक्षिण कोरिया के संबंधों को मधुर बनाने की दिशा में दक्षिण कोरिया में शैक्षिक प्रगति एवं रोजगार के अवसर विषय पर अंतर्राष्ट्रीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि बौद्ध परम्परा मानव सभ्यता के उत्थान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म का उदय भारत की पवित्र धरती से होकर विश्व में अपनी सुगंध बिखेर रहा है और इसी दिशा में सुभारती विश्वविद्यालय  प्रेम, करुणा एवं मैत्री की बुनियाद पर मानव कल्याण की दिशा में अग्रणीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय भारत एवं दक्षिण कोरिया के संबंधों को सशक्त करने हेतु महत्वपूर्ण संस्थान बनकर उभर रहा है। ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व दक्षिण कोरिया के प्रतिनिधि मण्डल की उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के साथ समझौता ज्ञापन कार्यक्रम में डॉ.हिरो हितो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ. अभय शंकरगौड़ा, कुलसचिव डी.के.सक्सैना, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद ज़फ़र हुसैन, डॉ. वैभव गोयल भारतीय, डॉ. मनोज कपिल, डॉ. पिन्टू मिश्रा, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. सोकिन्द्र कुमार, डॉ. अतुल प्रताप, डॉ. शशिराज तेवतिया, डॉ. सीमा शर्मा, पल्लवी त्यागी, प्रवीण कुमार, आलोक कुमार, पीआरओ समीर सिंह आदि उपस्थित रहे।

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